शिक्षक विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने गुरुवार को विधान परिषद में सात दिसंबर को लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान मृत शिक्षक राम अशीष का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आज तक सहानुभूति में एक शब्द भी नहीं कहीं और न यह उजागर कर सकी कि मजिस्ट्रेट के आदेश पर पुलिस ने शिक्षक को पीट कर मार डाला या स्वयं निरंकुश हो गई। सरकार एक शिक्षक की मौत के बाद भी पुरानी पेंशन योजना की बहाली पर चुप्पी साधे रही। शिक्षक विधायक ने सदन को बताया कि राज्यकर्मियों की तरह प्रदेश के 4500 माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत लाखों शिक्षक निश्शुल्क चिकित्सा सुविधा से वंचित हैं। सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी एवं शिक्षणोत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति न होने से भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है। उन्होंने कहा कि किसी भी समय शिक्षकों का रोष फूट सकता है
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