विधान सभा चुनाव के तिथियों की घोषणा के बाद प्रशासनिक मशीनरी ने निष्पक्ष मतदान को पूरी ताकत झोंक दी है। मतदाताओं के हित मद्देनजर बूथों का ताबड़तोड़ निरीक्षण जारी है। जिला निर्वाचन अधिकारी संध्या तिवारी के निर्देश पर अधिकारियों की टीम ने जब उरुवा ब्लाक के मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया तो पैरों तले जमीन खिसक गई। कारण यह कि क्षेत्र के 40 उन विद्यालयों की अबतक न तो रंगाई-पुताई कराई गई है न ही रैंप का निर्माण कराया जा सका है, जहां मतदान के लिए स्थान सुनिश्चित किया जा चूका है। यह रिपोर्ट मिलते ही खंड शिक्षा अधिकारी अरुण प्रताप सिंह ने तत्काल दोषी चिन्हित 40 प्रधानाध्यापकों का वेतन रोकने का आदेश जारी कर कारण बताओ नोटिस भेज दी है। जबकि जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी दोषी शिक्षकों के निलंबन की चेतावनी दी है।1खंड शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में जिन अन्य अधिकारियों ने चुनाव आयोग के निर्देश पर बूथों का निरीक्षण किया उनमे मुख्य रूप से सह समन्वयक दिनेश गुप्ता, अजय मल्ल, दीपनारायण त्रिपाठी, ब्लाक समन्वयक (साक्षरता) शमीम खां के नाम शामिल है। निरीक्षण टीम के सदस्यों ने बताया कि जिन विद्यालयों को बूथ बनाया गया है उसकी रंगाई -पुताई के अलावा रैंप बनवाने के लिए प्रशासन ने छह-छह हजार रुपये प्रति बूथ के हिसाब से सितंबर-अक्टूबर माह में ही विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में भेज दिया था। इसके बावजूद जिम्मेदार प्रधानाध्यापकों ने रंगाई- पुताई नहीं कराई।’ निरीक्षण के दौरान खुली अनियमितता की पोल
जिला निर्वाचन अधिकारी ने दी निलंबन की चेतावनी
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