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Monday, March 27, 2017

गोरखपुर : नौनिहालों में शिक्षा की लौ जला रहे धर्मेंद्र चौधरी, कैंपियरगंज विकास खंड के लौकिहवा प्राथमिक विद्यालय में दाखिले के लिए दो किलोमीटर दूरी से भी आते है छात्र



एक तरफ जहां लोग अपने बच्चों को प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाने से हिचकिचाते हैं वहीं शिक्षा के प्रति समर्पित एक शिक्षक के कारण क्षेत्र के अभिभावक अपने बच्चों को गोरखपुर जनपद के कैंपियरगंज विकास खंड के लौकिहवा प्राथमिक विद्यालय में दाखिला कराना चाहते हैं। दो किलोमीटर दूरी तय कर बच्चे इस विद्यालय में पढ़ने के लिए आते हैं। शिक्षक धमेर्ंद्र चौधरी के अथक परिश्रम के कारण कई छात्रों का नवोदय और विद्या ज्ञान में दाखिला भी हो चुका है। वह सभी छात्रों के अभिभावकों से माह में एक बार संपर्क कर पढ़ाई के बारे में जानकारी लेते हैं। वह दो घंटे अतिरिक्त पढ़ाते हैं। खेल-कूद से लेकर पढ़ाई और अनुशासन में उनके स्कूल का मुकाबला नहीं है। यही कारण है कि वह कई बार पुरस्कृत भी हो चुके हैं।

धर्मेन्द्र चौधरी की जब 2008 में यहां बतौर प्रधानाध्यापक पद पर तैनाती हुई, तब विद्यालय में छात्रों की संख्या 30 तक ही थी। तब उन्होंने छात्र संख्या बढ़ाने को ठाना। सबसे पहले उन्होंने विद्यालय में दोपहर के भोजन को मीनू के अनुसार बनवाना शुरू किया। उसके बाद छात्रों के अभिभावकों से संपर्क साधा और उनकी मोबाइल नंबर नोट किया। उसके बाद दर्जा पांच के छात्रों को दो घंटे अतिरिक्त पढ़ाना शुरू किया। इसी बीच नवोदय विद्यालय की परीक्षा आ गई। उसमें उनके स्कूल के दो छात्रों का दाखिला हो गया।

उसके बाद अभिभावक खुद संपर्क कर अपने बच्चों का दाखिला कराना शुरू कर दिए। स्थिति यह है कि दो किलोमीटर दूर तक के बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। इस समय विद्यालय में 175 छात्र-छात्रए नियमित स्कूल आते है। विद्यालय में एक अलग रजिस्टर है, जिसमें बच्चों के नाम और उनके पिता/ अभिभावक का मोबाइल नंबर है। विद्यालय में बच्चों के अनुपस्थित होने पर अभिभावकों से वार्ता की जाती है। विद्यालय के सभी छात्र ड्रेस में आते हैं।

शिक्षक धर्मेन्द्र चौधरी का कहना है कि तैनाती के दौरान विद्यालय के छात्र संख्या को देखकर मैं परेशान हुआ। उसी समय अपने सहयोगी शिक्षको वीर बहादुर व उषा सिंह से विचार विमर्श किया कि कुछ अलग कर ही स्कूल की पहचान और छात्र संख्या को बढ़ाया जा सकता है।

उसका परिणाम भी मिला। विद्यालय का छात्र संजय नयोदय विद्यालय व कुमारी नेहा यादव का विद्या ज्ञान में दाखिला हुआ। इसका परिणाम है कि छात्र मन लगाकर पढ़ रहे हैं। इसके लिए खंड शिक्षा अधिकारी, प्राथमिक शिक्षक संघ और वेसिक शिक्षाधिकारी से प्रशस्ति पत्र मिला है।

इतना ही नहीं वर्ष 2015 के शिक्षक दिवस पर जिलाधिकारी ने भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है।

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