प्रयागराज : स्कूलों को देना होगा फीस का हिसाब
इस साल फीस न बढ़ाने के निर्देश, कोर्स, यूनीफॉर्म में बदलाव नहीं
फीस माफी को डीआइओएस से मिले अधिवक्ता
प्रयागराज : लॉकडाउन में स्कूलों में फीस माफ कराने के संबंध में सोमवार को हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल जिला विद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा से मिला । प्रतिनिविमंडल ने शासन और डीएम नोएडा व वाराणसी के आदेशों से संबंधित सुझाव एवं समाधान पर चर्चा करते हुए कहा कि स्कूल अभिभावकों पर फीस जमा करने के लिए दबाव बना रहे हैं। आइओएस ने कहा कि प्रत्यावेदन पर सकारात्मक विचार होगा और मीटिंग में सीएम के सामने डात रखेंगे। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व महासचिव अशोक सिंह, कैट बार उपाध्यक्ष जितेंद्र नायक, रितेश श्रीवास्तव, रविंद्र सिंह, आदित्य राणा, संजय यादव, अवधेश मिश्र आदि रहे। भाजपा नेता दिवाकर नाथ त्रिपाटी व कांग्रेस नेता निशांत त्रिपाटी ने भी फीस माफ करने की मांग की है।
हिदायत - प्रवेश शुल्क, परिवहन शुल्क, कंप्यूटर, गेम्स शुल्क भी न लें स्कूल
, लॉकडाउन के चलते स्कूल-कॉलेजों के प्रबंधन को इस साल फीसन बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने सभी स्कूल कॉलेजों से फीस का विवरण देने को भी कहा है। प्रबंधन को ई-मेल पर फीस का हिसाब जिला विद्यालय निरीक्षक को देना है। सोमवार को हुई आवश्यक बैठक में सहमति बनी जिसमें डीएम ने प्रबंधकों व प्रधानाचार्यों को बाकायदा शासन के निर्देश से अवगत कराया। डीएम ने कहा कि यूपी सरकार के दिशा-निर्देशों फीस माफी के लिए डीआइओएस को ज्ञापन देने पहुचे अधिवक्तागण जागरण यह आवश्यक है कि फीस, किताबें, है। डीएम ने प्रवेश शुल्क, विलब के अनुरूप बच्चों को यूनीफॉर्म आदि के संबंध में विचार शुल्क, परिवहन शुल्क, कंप्यूटर अगली कक्षा में प्रवेश दें। कोरोना के बाद निर्णय लेते हुए जनहित की संकट के दृष्टिगत वर्तमान परिदृश्य में स्कूल प्रबंधन के ऊपर यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है कि पढ़ाई पर किसी भी तरह से प्रतिकूल असर न पड़े। अध्यापकों व अन्य स्टाफ के वेतन पर भी प्रभाव न पड़े। इसलिए इलेक्ट्रिसिटी, गेम्स आदि के साथ इस भावना के साथ अमल में लाया तरह के अन्य शुल्क न लेने को कहा जाए।
महामारी से पूर्व निर्धारित किए है कोर्स अथवा यूनिफार्म में बदलाव गए अनेकों कार्यों आदि में वर्तमान न किए जाए वर्ष के प्रारंभ में ली जाने वाली तीन माह की फीस को एक परिदृश्य के अनुरूप परिवर्तन करना पड़ा है। इसलिए अपने महत्तम प्रयासों साथ न लेकर विभाजित कर अधिक से समाज के लोगों का सहयोग करना भागों में लिया जाए।
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