DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Wednesday, November 17, 2021

1100₹ के लिए सुबह से शाम तक घनघना रहे बेसिक शिक्षकों के फोन, जवाब देते शिक्षक हो रहे परेशान

यूनिफॉर्म, बस्ता, जूता, मोजा उपलब्ध कराना शिक्षकों के लिए टेढ़ी खीर, DBT के जरिये कितने खातों में धन पहुंचा इसका आंकड़ा नहीं

1100₹ के लिए सुबह से शाम तक घनघना रहे बेसिक शिक्षकों के फोन, जवाब देते शिक्षक हो रहे परेशान


ठंड बढ़ती जा रही है।  परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले काफी बच्चों को ड्रेस, बैग, स्वेटर और जूते-मोजे का इंतजार है। शासन के निर्देश के बावजूद अब तक बहुत से  विद्यार्थियों के अभिभावकों के खाते में धनराशि नहीं प्रेषित की जा सकी है। शासन ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को 30 नवंबर तक धनराशि प्रेषित करने का निर्देश दिया है। 

इसके बाद से विभाग ने छात्रों के आधार कार्ड के सत्यापन के काम में और तेजी लाई है। डीबीटी शिक्षकों के लिए मुसीबत बन गई है। पहले डाटा एंट्री में तकनीकी गड़बड़ियों के कारण शिक्षकों को परेशानी हुई थी। अब पैसे को लेकर पूछताछ से शिक्षक परेशान हैं। सुबह से शाम तक शिक्षकों के फोन घनघना रहे हैं। कई अभिभावक तो बच्चों का नाम न फीडिंग में न भेजने की शिकायत करते हैं।

पंजीकृत बच्चों के अभिभावकों के खाते में डीबीटी के माध्यम से धनराशि भेजी जा रही है। जिन अभिभावकों के आधार व बैंक खाते में त्रुटियां हैं, उन अभिभावकों को सूचना दी जा रही है। 30 नवंबर तक प्रक्रिया पूरी करने का जिम्मेदार दावा कर रहे हैं।



परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय में पंजीकृत  छात्र-छात्राओं को यूनिफॉर्म, बस्ता, जूता, मोजा उपलब्ध कराना शिक्षकों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो गया है। डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजी गई, लेकिन इसका ब्योरा कोई नहीं दे पा रहा है। इसे लेकर शिक्षक परेशान हैं। अभिभावकों के जनधन के खाते भी संदेह के घेरे में बताए जा रहे हैं। शिक्षा विभाग अभिभावकों के खातों में धनराशि ट्रांसफर करने का दावा कर रहा है, लेकिन कितनों के खाते में पैसा पहुंचा या नहीं इसका सही आंकड़ा किसी के पास नहीं है।


शिक्षा सत्र 2021-22 में इस बार स्कूलों में बंपर नामांकन हुए हैं। छात्र-छात्राओं का पंजीकरण प्रेरणा पोर्टल पर किया गया था। शासन के निर्देश पर इस बार बच्चों को दो दो जोड़ी जूते, मोजे, यूनिफॉर्म एक बैग, एक स्वेटर उपलब्ध कराया जाना है। एक छात्र को इसके लिए 1100 रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई जानी थी। यह धनराशि अभिभावकों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से भेजने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन शिक्षा विभाग की मानें तो दो सप्ताह पूर्व अभिभावकों के खातों में धनराशि भेज दी गई है।


अब शिक्षा विभाग के आला अधिकारी शिक्षकों को अभिभावकों के खातों में भेजी गई धनराशि से यूनिफॉर्म जूते, मोजे, बैग आदि सामग्री का क्रय कराने का दबाव बना रहे। शिक्षक स्कूलों में अभिभावकों को बुलाकर पूछ रहे हैं कि उनके खातों में धनराशि आई है, तो बच्चों को यूनिफॉर्म उपलब्ध करा दें। 


परंतु अभिभावक स्कूलों के शिक्षकों को खातों में आई धनराशि के बारे में जानकारी देने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में कहीं स्कूली बच्चे यूनिफॉर्म से वंचित रह न रह जाएं, इसका भी शिक्षकों को डर सताने लगा है। लेकिन ब्लॉक स्तर पर तैनात खंड शिक्षा अधिकारी शिक्षकों से कह रहे हैं कि वह जल्द से जल्द बच्चों को यूनिफॉर्म, स्कूली बैग, जूते, मोजे आदि सामग्री उपलब्ध कराने में सहयोग करें। अभी तक शिक्षकों को यह भी जानकारी नहीं है कि कितने बच्चों के अभिभावकों के खातों में धनराशि आई है और कितने बच्चों के खातों में धनराशि नहीं आई है।


शिक्षकों पर दबाव बनाना है गलत

शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी डीबीटी से भेजी गई धनराशि से संतुष्ट नहीं हैं।  विभाग की ओर से डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के खातों में धनराशि भेजी गई है। अब बच्चों को यूनिफॉर्म उपलब्ध कराना अभिभावकों की जिम्मेदारी है। इसमें शिक्षक कुछ नहीं कर सकते। शिक्षकों पर दबाव बनाना गलत है। 

शिक्षकों को अभी यह सूची भी उपलब्ध नहीं कराई गई कितने खातों में धनराशि भेजी गई है। पहले शिक्षकों को सूची उपलब्ध कराई जानी चाहिए। 

No comments:
Write comments