DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Sunday, November 14, 2021

MDM : पढ़ाई के साथ स्कूली बच्चों की सेहत भी सुधरेगी, बनेगा हेल्थ कार्ड, पोषण युक्त मोटे अनाज भी होंगे शामिल

MDM : पढ़ाई के साथ स्कूली बच्चों की सेहत भी सुधरेगी, बनेगा हेल्थ कार्ड, पोषण युक्त मोटे अनाज भी होंगे शामिल


पढ़ाई के साथ स्कूली बच्चों की सेहत में सुधार की दिशा में निर्देश जारी किए गए। इसके तहत प्रत्येक बच्चे का हेल्थ कार्ड बनेगा। साथ ही मिड-डे मील में पोषण युक्त मोटे अनाज शामिल किए जाएंगे। सभी राज्यों को विशेष अभियान चलाकर इससे जुड़ी पहलों को लागू करने के निर्देश।


पढ़ाई के साथ स्कूली बच्चों की सेहत भी सुधरेगी

नई दिल्ली : गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने की मुहिम के साथ ही सरकार अब स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों की सेहत का भी ख्याल रखेगी। फिलहाल इस दिशा में जो अहम कदम उठाए गए हैं, उनके तहत स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों के स्वास्थ्य की अब नियमित रूप से जांच होगी। इसके आधार पर ही सभी का हेल्थ कार्ड तैयार होगा। साथ ही उन्हें पोषण युक्त बेहतर आहार भी दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने इसको लेकर सभी राज्यों से स्कूली बच्चों के मिड-डे मील के मेन्यू में बदलाव करने का भी सुझाव दिया है।


मिड-डे मील में मोटे अनाजों को शामिल करने का सुझाव 

शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों को मिड-डे मील में स्थानीय स्तर पर मौजूद मोटे अनाज को भी प्रमुखता से शामिल करने का सुझाव दिया है। इनमें ज्वार, बाजरा, रागी, सावा, कुट्टू आदि शामिल हैं। इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर इस्तेमाल की जाने वाली दाल या सब्जियों को भी शामिल करने को कहा है। मंत्रालय का पूरा जोर है कि बच्चों को जो भी खाने को दिया जाए, वह पूरी तरह से पोषण युक्त हो।


बच्चों को हेल्थ कार्ड बनाने की सिफारिश 

शिक्षा मंत्रालय में स्कूली शिक्षा सचिव ने राज्यों को यह पत्र उस समय लिखा है, जब राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तेजी से आगे बढ़ाने पर काम चल रहा है। नीति में ही सभी स्कूली बच्चों का हेल्थ कार्ड बनाने की सिफारिश की गई है। यही वजह है कि केंद्र का इस बात पर जोर है कि राज्य इस पहल को तेजी से अपनाएं। सूत्रों की मानें तो नए शैक्षणिक सत्र से स्कूलों में हेल्थ कार्ड की व्यवस्था को लागू किया जा सकता है। गौरतलब है कि सरकार का यह जोर इसलिए भी है, क्योंकि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की चौथी रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में पांच वर्ष की उम्र के करीब 38 फीसद बच्चे कुपोषण के चलते बौनापन और करीब 59 फीसद बच्चे खून की कमी से पीडि़त हैं। यही वजह है कि बच्चों के पोषण पर सरकार का पूरा फोकस है।

No comments:
Write comments