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Wednesday, March 22, 2023

यूपी बोर्ड : न किताबें बदलेंगी और न पाठ्यक्रम

यूपी बोर्ड : न किताबें बदलेंगी और न पाठ्यक्रम


लखनऊ : यूपी बोर्ड के नए माध्यमिक शिक्षा परिषद् (उ.प्र.) शैक्षणिक सत्र में एनसीईआरटी का आंशिक संशोधित पाठ्यक्रम ही पढ़ाया जाएगा। अधिकतर पुस्तकें पहले से ही बाजार में हैं, जो अभी नहीं हैं वह भी बोर्ड द्वारा समय से उपलब्ध करा दी जाएंगी। यूपी बोर्ड का सत्र अप्रैल से शुरू हो रहा है।


यूपी बोर्ड में 2018 से एनसीआरटी का पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा है लेकिल कोविड के समय नौवीं से 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में 30 प्रतिशत की कटौती की गई थी। कोविड के बाद अब सामान्य स्थिति है इसलिए बोर्ड ने नए शैक्षणिक सत्र 2023-24 से संपूर्ण पाठ्यक्रम बहाल करने का निर्णय लिया है। 


बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि एनसीईआरटी ने कुछ टापिक हटाते और कुछ जोड़ते हुए आंशिक संशोधन के साथ पाठ्यक्रम तैयार किया है। एनसीईआरटी के आंशिक संशोधन के बाद जारी पाठ्यक्रम ही यूपी बोर्ड में भी पढ़ाया जाएगा 


महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने स्पष्ट किया कि कोविड काल में जिस 30 प्रतिशत पाठ्यक्रम को निलंबित किया था वह पहले भी किताबों का हिस्सा था। उसे पढ़ाई व परीक्षा से हटाया गया था, किताबों में वह मौजूद था।



यूपी बोर्ड नए सत्र से लागू होगा शत-प्रतिशत पाठ्यक्रम

यूपी बोर्ड : 30 प्रतिशत कटौती खत्म, नए सत्र से पढ़ना होगा पूरा पाठ्यक्रम, कोरोना महामारी के कारण दो वर्ष पहले घटाया गया था पाठ्यक्रम, खबर पढ़ें नीचे।

प्रयागराज : यूपी बोर्ड ने मूल्यांकन कार्य के साथ ही नए सत्र 2023-24 में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की तैयारी शुरू कर दी है। नए सत्र में पाठ्यक्रम में 30 फीसदी की कटौती समाप्त कर दी जाएगी। स्कूलों में बच्चों को अब पूरा पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। कोविड की वजह से पिछले दो वर्ष पाठ्यक्रम में कटौती की गई थी। यूपी बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि एक अप्रैल से शुरू होने जा रहे नए सत्र से कक्षा 9 से 12 तक के सभी विषयों में संपूर्ण पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा।


बोर्ड इस प्रयास में है कि 2022-23 सत्र की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन के बाद जल्द से जल्द परीक्षा परिणाम घोषित कर स्कूलों में शैक्षणिक माहौल कायम कर दे। पिछले दो वर्षों के दौरान कोविड-19 की वजह से विद्यालयों में नियमित पठन-पाठन बाधित रहा था। इस कारण पाठ्यक्रम समिति ने छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए तीस फीसदी पाठ्यक्रम को समाप्त करने की संस्तुति की थी। अब वर्तमान में परिस्थितियां सामान्य होने के कारण नए सत्र से शत-प्रतिशत पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा। आगामी सत्र में सभी स्कूलों में सभी विषयों में संपूर्ण पाठ्यक्रम के आधार पर पठन-पाठन होगा। सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने कहा कि माध्यमिक स्कूल दो वर्षों के बाद अब नियमित दिनचर्या में आ गए हैं। ऐसे में अब कटौती का कोई औचित्य नहीं रह गया है।


सर्वांगीण विकास के लिए शैक्षणिक गतिविधि भी जरूरी

यूपी बोर्ड ने पठन-पाठन के साथ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षणेत्तर गतिविधि पर ध्यान देने पर भी बल दिया है। सचिव ने सभी शिक्षाधिकारियों से कहा है कि बच्चों के संपूर्ण विकास में केवल शैक्षिक प्रगति ही नहीं बल्कि शिक्षणेत्तर गतिविधियों में उनका प्रतिभाग करना नितांत आवश्यक है। अत नए सत्र में बच्चों का मानसिक, शारीरिक एवं भावनात्मक विकास भी सुनिश्चित कराएं।

अब तक 92,60,512 कॉपियां जांची गईं

यूपी बोर्ड का मूल्यांकन कार्य प्रदेश के 258 केंद्र पर तेजी से जारी है। चार दिन के भीतर 92,60,512 कॉपियां जांची जा चुकी हैं। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का लक्ष्य एक अप्रैल तक रखा गया है।


यूपी बोर्ड : 30 प्रतिशत कटौती खत्म, नए सत्र से पढ़ना होगा पूरा पाठ्यक्रम, कोरोना महामारी के कारण दो वर्ष पहले घटाया गया था पाठ्यक्रम


प्रयागराज : यूपी बोर्ड ने वर्ष 2023 की परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के साथ ही नए सत्र 2023-24 में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की तैयारी भी शुरू की है। पाठ्यक्रम में हुई 30 प्रतिशत की कटौती नए सत्र में समाप्त होगी। स्कूलों में कक्षा 9-12 तक के सभी विषयों में संपूर्ण पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा। कोविड-19 से दो वर्षों से पाठ्यक्रम में कटौती की गई थी। नया सत्र एक अप्रैल से शुरू होगा ।

बोर्ड इस प्रयास में है कि मूल्यांकन के बाद परीक्षा परिणाम घोषित कर स्कूलों में शैक्षणिक माहौल बनाया जा सके।  कोविड-19 की वजह से विद्यालयों में नियमित पठन-पाठन बाधित रहा था। अब वर्तमान में परिस्थितियां सामान्य होने के कारण नए सत्र से शतप्रतिशत पाठ्यक्रम लागू होगा। यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल बोले कि माध्यमिक स्कूल दो वर्षों के बाद अब नियमित दिनचर्या में आ गए हैं। अब कटौती नहीं होगी।


सर्वांगीण विकास के लिए शैक्षणिक गतिविधि भी जरूरी

यूपी बोर्ड ने पठन-पाठन के साथ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षणेतर गतिविधि पर ध्यान देने पर बल दिया है। यूपी बोर्ड सचिव ने सभी शिक्षाधिकारियों से कहा है कि बच्चों के संपूर्ण विकास में केवल शैक्षिक प्रगति ही नहीं, बल्कि शिक्षणेतर गतिविधियों में उनका प्रतिभाग नितांत आवश्यक है। अतः नए सत्र में बच्चों का मानसिक, शारीरिक एवं भावनात्मक विकास भी सुनिश्चित कराएं।

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