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Thursday, March 16, 2023

सरकार के छह साल पूरे होने पर शिक्षामित्रों को योगी सरकार से रिटर्न गिफ्ट की उम्मीद

सरकार के छह साल पूरे होने पर शिक्षामित्रों को योगी सरकार से रिटर्न गिफ्ट की उम्मीद

शिक्षामित्रों को योगी सरकार से बेहतर भविष्य की आस

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लखनऊ। प्रदेश सरकार का 25 मार्च को छह साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है। ऐसे में प्रदेश के कार्यरत लगभग 1.40 लाख शिक्षामित्रों को सरकार से सुनहरे भविष्य की आस है।


उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने मांग की है कि सरकार इस अवसर पर उन्हें भी बेहतर भविष्य का तोहफा दे। प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षामित्र 2001 से कार्यरत हैं। जो काम तो सामान्य शिक्षकों की भांति करते हैं, लेकिन उन्हें बेहतर मानदेय व प्रोत्साहन नहीं मिलता है। 


25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त करने के बाद से उनको मात्र 10,000 प्रति माह मानदेय मिल रहा है। इस मानदेय से वह इस महंगाई में अपने परिवार का भरण पोषण करने में भी सक्षम नहीं हैं। 


संघ के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह ने कहा कि आर्थिक तंगी के कारण उन्हें कई अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। काफी शिक्षामित्र अवसाद में हैं। संघ मुख्यमंत्री से मांग करता है कि शिक्षामित्रों की समास्याओं का जल्द निराकरण करें, जिससे वह भी सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकें। 



राजस्थान सरकार की तर्ज पर शिक्षामित्रों का निकालें हल,  मानदेय बढ़ाने के लिए सीएम को भेजा पत्र


लखनऊ। शिक्षामित्रों ने राजस्थान सरकार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी संविदा कर्मियों के मानदेय में वृद्धि का मुद्दा उठाया है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। 


संघ के पदाधिकारियों ने बताया है कि राजस्थान सरकार ने नौ वर्ष तक काम करने वाले सभी संविदा कर्मियों का मानदेय 29,600 करने की घोषणा की है। इसी तरह 18 वर्ष की संविदा अवधि पूरा करने वाले कर्मियों का मानदेय 51,600 रुपये करने की घोषणा की गई है। उत्तर प्रदेश में भी इस तरह की व्यवस्था जा सकती है। 


संघ के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह ने कहा है कि 10 हजार रुपये मानदेय में शिक्षामित्रों का घर कैसे चल रहा है, इस पर ध्यान देना जरूरी है। महंगाई के कारण परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो रहा है। जबकि शिक्षामित्र, सामान्य शिक्षकों की तरह निपुण लक्ष्य प्राप्त करने समेत सभी काम में 100 फीसदी सहभागिता निभाते हैं। शिक्षण कार्य में भी पूरा योगदान दे रहे हैं। ऐसे में शिक्षामित्रों की समस्याओं का जल्द समाधान किया जाना चाहिए। 

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