DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Friday, March 31, 2023

PFMS पोर्टल : लटका भुगतान, पंजीकृत वेंडर को किया भुगतान, खाते में नहीं पहुंची रकम, तकनीक नई पड़ी भारी

पीएफएमएस पोर्टल :  लटका भुगतान, पंजीकृत वेंडर को किया भुगतान, खाते में नहीं पहुंची रकम, तकनीक नई पड़ी भारी


लखनऊ। परिषदीय स्कूलों के शिक्षक विकास कार्य कराने के बाद पीएफएमएस पोर्टल (सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली) से भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। बेसिक शिक्षकों ने बताया कि पीएफएमएस पोर्टल से भुगतान करने के लिए उन्हें सही से प्रशिक्षित ही नहीं किया गया। ऊपर से मार्च अंत में लगातार भेजी गई धनराशि, कंपोजिट ग्रांट, एसीआर, चहक और टीएलएम  आदि मदों में आए पैसे को 31 मार्च से पूर्व खर्च करने का दबाव भी है। बताते हैं बैंकिंग क्षेत्र पर भी मार्च का डिजिटल दबाव भी समस्या को और भयावह बना रहा है।


पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से पंजीकृत वेंडर के बैंक खाते में ही विकास कार्य के सापेक्ष धनराशि ट्रांसफर करनी होती है। यह प्रक्रिया काफी जटिल है। पीएफएमएस के लिए पहले पोर्टल से पीपीए प्रपत्र जनरेट कर डाउनलोड करना होगा। इस पर प्रबंध समिति यानी एसएमसी के अध्यक्ष व सचिव के हस्ताक्षर होंगे। फिर यह भुगतान के लिए बैंक में जाएगा। पीपीए जनरेट होने के बाद भी कई स्कूलों का भुगतान लटक रहा है। वहीं, कई स्कूल सर्वर धीमा होने से पीपीए जनरेट भी नहीं कर पा रहे हैं। यदि 31 मार्च से पहले ट्रांजेक्शन सफल नहीं हुआ तो पैसा लैप्स होने का खतरा है। ऐसे में उन शिक्षकों को अधिक दिक्कत होगी जिन्होंने अपने निजी संबंधों पर एडवांस में काम करवा लिया है और पीएफएमएस से भुगतान लटक गया है। हालांकि जिम्मेदारों का कहना है कि जिन शिक्षकों ने सही ढंग से पीपीए जनरेट कर लिया है, उनका पैसा लैप्स नहीं होगा।


काम भी अटका, भुगतान भी लटका

कई शिक्षकों ने बताया कि पीएफएमएस पोर्टल से भुगतान का प्रयास किया तो बैंक खाते से पैसे कट गए लेकिन वेंडर के खाते में नहीं पहुंचे। लेखाधिकारी कार्यालय में कोई इस बारे में सही जानकारी नहीं दे पा रहा है। ऐसे में काम व भुगतान दोनों लटक गए हैं। प्रशिक्षण के अभाव में कुछ समझ नहीं आ रहा है।


जिम्मेदार तुरंत लें सटीक निर्णय

बैंक द्वारा पैसा वेंडरों के खाते में नहीं जाने के स्थान पर वापस हो रहा है। शिक्षकों को डर है कि कहीं ये पैसा महीने के अंत में लैप्स न हो जाए।  इस पर निर्णय लिया जाना अति आवश्यक है। - विनय कुमार सिंह, प्रांतीय अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन

No comments:
Write comments