DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Friday, March 31, 2023

बेसिक शिक्षा : समय से नहीं दे सकेंगे बच्चों को रिपोर्ट कार्ड, लेट-लतीफी की वजह से अंकपत्र का नहीं हो सका मुद्रण, अन्तिम समय में आए निर्देशों ने बढ़ाया काम

बेसिक शिक्षा : समय से नहीं दे सकेंगे बच्चों को रिपोर्ट कार्ड,  लेट-लतीफी की वजह से अंकपत्र का नहीं हो सका मुद्रण, अन्तिम समय में आए निर्देशों ने बढ़ाया काम


 प्रदेश के एक लाख 33 हजार प्राइमरी व उच्च माध्यमिक स्कूलों में 31 मार्च को वितरित होने हैं अंकपत्र


प्रदेश के निजी शिक्षण संस्थानों के साथ कदमताल करने की कोशिश में जुटे शिक्षा विभाग में लेट- लतीफी की बीमारी दूर नहीं हो पा रही है। आलम यह है कि प्रदेश के एक करोड़ 90 लाख बच्चे 31 मार्च को सिर्फ इसलिए कागज पर अंकपत्र नोट करेंगे, क्योंकि बजट जारी होने में देरी होने की वजह से बच्चों को दिए जाने वाले अंकपत्र का मुद्रण नहीं हो सका है। फजीहत से बचने के लिए अब शिक्षा विभाग के अधिकारी शिक्षकों पर कंप्यूटर से प्रिंट आउट निकलवाकर बच्चों को देने का दबाव बना रहे हैं।


प्रदेश के एक लाख 33 हजार प्राइमरी और उच्च माध्यमिक स्कूलों में 31 मार्च को अंकपत्र वितरित किए जाने हैं। अंकपत्रों के मुद्रण के लिए 25 मार्च को शिक्षा विभाग ने पत्र जारी किया है, जो 27 मार्च तक जिला मुख्यालयों में अफसरों तक पहुंचा है। इससे ज्यादातर जिलों में अभी तक अंकपत्र मुद्रित नहीं हो सके हैं। जिन जिलों में मुद्रण के लिए गए भी हैं, वहां मुद्रित होने के बाद उन्हें तैयार करने के लिए पर्याप्त समय नहीं है। 


ऐसे में अब प्रत्येक जिले के परिषदीय स्कूलों में बच्चों को 31 मार्च को कागज पर ही अंक नोट करने पड़ेंगे। शिक्षकों ने बताया कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, गत वर्ष भी बजट देरी से जारी होने की वजह से बच्चों को कागज पर अंक नोट कराए गए थे। शिक्षकों ने बताया कि गत वर्ष इसे लेकर अभिभावकों ने कड़ी आपत्ति दर्ज़ कराई थी।


पांचवीं और आठवीं के बच्चों को होगी ज्यादा परेशानी

अंकपत्र समय पर नहीं मिलने से सबसे ज्यादा परेशानी पांचवीं और आठवीं के बच्चों को होती है। इससे नए स्कूल में प्रवेश लेने की उनकी योजना प्रभावित होती है। कई बार बच्चे अपने मनचाहें स्कूल में प्रवेश तक नहीं ले पाते हैं।


जिलों में कंटीन्जेसी फंड उपलब्ध होता है, जिससे अंकपत्र छपवाए जा सकते हैं। सामान्य तौर पर अंकपत्र छपवाने के बाद ही शिक्षकों को उस पर हुए खर्च की प्रतिपूर्ति की जाती है। प्रश्न-पत्र, अंकपत्र छपवाने के लिए इस वर्ष के बजट में 40 करोड़ रुपये का प्राविधान था । हम इस धनराशि को आहरित कर रहे हैं। यदि 31 मार्च को किसी बच्चे को अंकपत्र नहीं मिल पाता है, तो उसे अगले एक हफ्ते में उपलब्ध कराया जाएगा। आठवीं तक के बच्चे अगली कक्षा में प्रमोट हो जाते हैं। इस मामले में यदि कहीं लापरवाही हुई है, तो इसे दिखवाएंगे।– विजय किरन आनंद, महानिदेशक स्कूल शिक्षा |

No comments:
Write comments