संवादसूत्र, सुलतानपुर : प्राथमिक शिक्षकों का सोमवार को गुस्सा सातवें आसमान पर था। कई महीनों से वेतन की बांट जोह रहे गुरुजन बेसिक शिक्षा विभाग के लेखा दफ्तर पहुंचे। नारेबाजी की, फिर ताला जड़ दिया। उनका कहना था कि एक हजार से अधिक शिक्षकों का अवशिष्ट, दो माह का वेतन, पेंशन, समायोजित दो हजार शिक्षकों का फरवरी माह का, प्रशिक्षुओं का मानदेय सबकुछ लापरवाही की भेंट चढ़ गया है। सब्र की भी एक सीमा होती है। अब और उनसे इंतजार नहीं होगा। ऐसे में प्रशासन को वेतन निर्गत कराने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष दिलीप पांडेय, मंत्री डॉ.एचबी सिंह व प्रवक्ता निजाम खान की अगुवाई में शिक्षकों का बड़ा हुजूम पूर्वाह्न ग्यारह बजे जिला पंचायत दफ्तर के बगल वित्त एवं लेखा विभाग जा पहुंचा। पूर्व घोषित कार्यक्रम होने के नाते वहां कोई मिला ही नहीं। जिससे शिक्षक और नाराज हो उठे। जमकर नारेबाजी की। लारवाह लेखा विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को खरी-खोटी सुनाई गई। दफ्तर के कमरों में ताला जड़ दिया और परिसर में धरने पर बैठ गए। इस दौरान आयोजित सभा में शिक्षक नेताओं ने आरोप लगाया कि लेखाधिकारी ने जानबूझकर वेतन बाधित कर रखा है। वे धनवसूली के चलते ही शिक्षकों का मामला लटकाए हुए हैं। यही वजह है कि बजट की बड़ी धनराशि लैप्स हो गई है। शिक्षकों का कहना था कि अब वे अपने वेतन के लिए आरपार की लड़ाई लड़ेंगे। परिणाम चाहे जो हो पर, घूसखोर और लापरवाह अफसरों को बेनकाब भी करेंगे। इस मौके पर अमर बहाद र तिवारी, हेमंत यादव, बृजेश मिश्र अंजनी शर्मा, धीरेंद्र तिवारी व आदर्श शिक्षामित्र एसोसिएशन के दिनेश चंद्रा, शिक्षामित्र संघ के बृजेश पांडेय, रामबहादुर मिश्र आदि मौजूद रहे।
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