सुबोध दुबे, औरैया पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के बच्चे अब बैंकिंग के गुर भी सीखेंगे। बैंक में खाता खुलवाने, लोन लेने, लोन के धन का सदुपयोग कैसे हो, इसके लिए पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों को वित्तीय साक्षर किया जाएगा। जिले में 17 बैंकों की शाखाएं इसके लिए 100 स्कूलों को गोद लेने जा रही हैं। केंद्र सरकार के फाइनेंशियल लिटरेरी प्रोजेक्ट इन स्कूल को जमीन पर उतारने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है।वित्तीय जानकारी के होने से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को तमाम दिक्कतें उठानी पड़ती है। अपना धंधा शुरू करने के लिए धन की जरूरत पर लोग गलत हाथों में फंस जाते हैं। साहूकार के कर्ज के दलदल में फंसकर परिवार तबाह हो जाते हैं। इससे बचाने के लिए केंद्र सरकार ने स्कूल के बच्चों को वित्तीय जानकारी देने की जिम्मेदारी बैंकों को दी है। बैंक स्कूलों को गोद लेंगी। उन स्कूलों में बैंक कर्मचारी जाकर बच्चों को बैंकिंग के बारे में बताएंगे। इसमें बच्चों को यह भी बताया जाएगा कि उन्हें बैंक से लोन लेने के लिए उन्हें क्या करना होगा। स्कूली बच्चों के खाते भी खुलवाए जाएंगे। इस पूरे कार्यक्रम में बैंकों को नाबार्ड सहयोग करेगा। इसमें आने वाले खर्च को नाबार्ड के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। साथ ही स्कूलों में कैंप भी लगाए जाएंगे। इन कैंपों में बच्चे अपने अभिभावकों को भी ला सकेंगे। उन्हें भी बैंकिंग के बारे में बताया जाएगा। स्थानीय सेंट्रल बैंक के प्रबंधक दूधनाथ ने बताया कि वित्तीय साक्षरता अभियान के लिए जिले की सभी बैंक शाखाओं को पत्र भेज दिए गए हैं। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग से भी मदद ली जाएगी।
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