संसू, अंबेडकरनगर : बेसिक विद्यालय में शिक्षा गुणवत्ता के साथ ही नियमित तौर पर शिक्षकों के विद्यालय पहुंचने को लेकर शिकंजा कसा गया है। शैक्षिक गुणवत्ता सुधार एक पहल के माध्यम से विभाग ने शिक्षकों को एक डायरी दी गई है। इसमें प्रत्येक शिक्षक को रोजाना विद्यालय में शिक्षण कार्य का हिसाब देना होगा। खंड एवं जिला स्तर पर अधिकारी इसकी समीक्षा करेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग की खस्ताहाल शैक्षणिक व्यवस्था को सुधारे जाने की कवायद जारी है। इसके लिए सबसे पहले शिक्षकों के कारगुजारियों की सतत निगरानी की जाएगी। जिला स्तर पर प्रत्येक शिक्षक की गोपनीय पुस्तिका तैयार किए जाने पहल की जा चुकी है। इसमें शिक्षक की कार्यशैली के साथ ही शैक्षणिक गतिविधि दर्ज की जाएगी। शिक्षकों की सेवा पुस्तिका के अलावा यह अतिरिक्त गोपनीय पुस्तिका तैयार होगी। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को मिलने वाली खामी इसमें दर्ज की जाएगी। इसके अलावा छात्र पंजीयन में कमी तथा शैक्षिक गुणवत्ता खराब होने का ब्यौरा भी दर्ज किया जाएगा। प्रमोशन समेत अन्य विभागीय लाभ दिए जाने के समय यह गोपनीय आख्या अहम भूमिका निभाएगी। कक्षाओं के संचालन और विषयों की जानकारी के साथ ही अन्य गतिविधियों में नैतिक शिक्षा आदि देने का भी डायरी में उल्लेख किया जाएगा। वहीं शिक्षक के विद्यालय पहुंचने की अनिवार्यता तथा शिक्षकों की मनमानी पर नकेल कसने में बीएसए कार्यालय का कंट्रोल रूप शुरुआती दौर में बेहद कारगर साबित हो रहा था,जबकि यह निगरानी भी इन दिनों सुस्त हो चुकी है। प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रमाशंकर राम से जानकारी करनी चाही गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
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