शिक्षामित्र शिक्षक कल्याण समिति की ओर से शिक्षक हितों की रक्षा में निरंतर संघर्ष जारी रखने का निर्णय लिया गया है। जिलाध्यक्ष रामचंदर मौर्य ने कहा कि समायोजन से वंचित रह गए शिक्षामित्रों को संगठन हक दिलाने के बाद ही सांस लेगा। शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा करते हुए निदान के लिए आंदोलन करने का निर्णय लिया गया।1रामनगर के ब्लाक संसाधन केंद्र पर बैठक को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष ने कहा कि आगामी आठ अप्रैल को जनपदीय अधिवेशन आयोजित किया जा रहा है। यहां शिक्षकों और शिक्षामित्रों की समस्याओं को बुलंद करते हुए शासन तक पहुंचाया जाएगा। शिक्षक हितों को सुरक्षित करने का संकल्प दोहराते हुए उन्होंने कहा कि संगठन के आंदोलन का ही नतीजा रहा कि सरकार ने शिक्षामित्रों के अंधकारमय भविष्य को सुरक्षित किया है। ऐसे में संगठन को और प्रभावशाली और एकजुट करने की जरूरत है। जिलाध्यक्ष ने बताया कि अधिवेशन के दौरान जिला कार्यकारिणी का नवीनीकरण किया जाएगा। बैठक का संचालन करते हुए जिला कोषाध्यक्ष अवधेश मांझी ने कहा कि शिक्षामित्रों ने बेसिक शिक्षा विभाग की डगमगाती किश्ती को संभाला है। ऐसे में सरकार ने भी शिक्षामित्रों को उनके त्याग का सम्मान देते हुए समायोजन का लाभ दिया। इससे वंचित रहने वाले शिक्षामित्र साथियों को संगठन जल्द ही समायोजित कराने का प्रयास करेगा। प्रांतीय संगठन मंत्री सुरेंद्र कुमार यादव ने अधिवेशन के तैयारियों की समीक्षा करते हुए पदाधिकारियों को इसे सफल बनाने की कमान सौंपी। बताया गया कि अधिवेशन में प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार वर्मा, महासचिव शिवशंकर राजभर शामिल होने पहुंचेंगे। बैठक के दौरान संगठन के संरक्षक चिंतामणि उपाध्याय, विनोद कुमार निषाद, मनोज यादव, चंद्रकांत त्रिपाठी, बलराम यादव, राममूरत, कपिलदेव यादव, जंगबहादुर, सर्वेश, रामचंदर यादव व जंगेश आदि शिक्षक और शिक्षामित्र शामिल रहे।
No comments:
Write comments