बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकतर प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्र-छात्रओं को मध्याह्न भोजन नहीं मिल पा रहा है। स्थिति यह है कि अप्रैल माह के बाद न तो कन्वर्जन कास्ट आई और न ही रसोइयों को मानदेय मिला है। कुछ स्कूल तो अपने स्तर से मध्याह्न भोजन की व्यवस्था करा रहे हैं जबकि कुछ ने भोजन बनवाना बंद कर दिया है। बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मध्याह्न भोजन पर संकट आ गया है। अप्रैल से शासन ने विद्यालयों को मध्याह्न भोजन के लिए कोई भी पैसा नहीं भेजा है, जिस कारण से कुछ स्कूलों ने भोजन बनाना बंद कर दिया है तो कुछ अपने स्तर से भोजन बना रहे हैं। दुकानदारों का दबाव होने के कारण स्कूलों ने राशन उठाना भी बंद कर दिया है। इस कारण कई स्कूलों में तो पिछले काफी दिनों से मध्याह्न भोजन नहीं बन पा रहा है। जबकि अधिकारियों के निरीक्षण में सभी विद्यालयों में भोजन तैयार हो रहा है। प्राथमिक विद्यालय के लिए 4.13 रुपये कन्वर्जन कास्ट है जबकि उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के लिए 6.18 रुपए कन्वर्जन कास्ट है। अप्रैल से किसी की भी कन्वर्जन कास्ट नहीं आई है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि महिला रसोइयों ने भी कई जगह पैसे न मिलने के कारण काम करना बंद कर दिया है। जिससे स्कूलों में मिड-डे मील बनने की संभावना ही बंद हो गई है। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिला महामंत्री आदित्य कुमार ने बताया कि सोमवार को मिलने वाले मौसमी फल के लिए प्रति बच्चा चार रुपये मिलते हैं, लेकिन किसी भी स्कूल में पैसा नहीं भेजा गया है। जिस कारण से कहीं भी फल वितरित नहीं हो पा रहा है। बेसिक शिक्षा अधिकारी वेदराम ने बताया कि कन्वर्जन कास्ट की मांग की गई है। जल्द ही कन्वर्जन कास्ट आ जाएगी और सभी विद्यालयों को भेज दी जाएगी।
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