ग्रामीण क्षेत्र में स्थित परिषदीय स्कूलों के शौचालयों को क्रियाशील बनवाने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को दिए जाने के बाद भी स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा एडीओ पंचायत को शौचालय विहीन व निष्प्रयोज्य शौचालयों वाले स्कूलों की सूची उपलब्ध कराए जाने के बाद उसे ठीक कराने का कार्य शुरू नहीं हो सका है। ऐसे में बच्चों को खुले में शौच जाना पड़ रहा है।
प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन राहुल भटनागर ने अक्टूबर के पहले सप्ताह में भी पत्र भेज कर ग्राम पंचायतों द्वारा परिषदीय स्कूलों में नए शौचालय का निर्माण कराने व निष्प्रयोज्य शौचालयों की ठीक करने का कार्य तेज किए जाने का निर्देश था। साथ ही इस कार्य के लिए 14वें वित्त से धनराशि खर्च किए जाने की बात भी कही है। इसके बाद भी स्कूलों में शौचालय को ठीक कराने का कार्य अबतक शुरू नहीं हो सका है। बलरामपुर शिक्षा क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारी एमपी सिंह ने बताया कि स्कूलों के शौचालयों को ठीक कराने व शौचालय विहीन विद्यालय में बालक व बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय बनवाने के लिए स्कूलों की सूची एडीओ पंचायत के पास जमा कर दी गई है। बीईओ रंजीत कुमार ने बताया कि स्कूल में तैनात शिक्षकों ने भी अपने गांव के ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर शौचालय ठीक कराने की मांग भी की जा रही है। इसके बाद भी शौचालयों को ठीक कराने अथवा उनके निर्माण का कार्य अबतक शुरू नहीं हो सका है। जिला पंचायत राज अधिकारी हरिशंकर सिंह ने बताया कि प्रधानों को स्कूल के निष्प्रयोज्य शौचालयों को दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही ग्राम पंचायत सचिव से इसकी रिपोर्ट भी मांगी गई है।
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