सुप्रीम कोर्ट का फैसला : एडेड माध्यमिक के तदर्थ शिक्षकों को वेटेज देकर भरें खाली पद
शिक्षकों के खाली पदों पर चयनित तदर्थ शिक्षकों की जुड़ेगी पुरानी सेवा
यूपी सरकार को SC का आदेश, 'एडहॉक शिक्षकों, लेक्चररों को परीक्षा लेकर भर्ती करें'
उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को दिए एक अहम आदेश में कहा है कि कॉलेजों में काम कर रहे लगभग 600 टीजीटी एडहॉक शिक्षकों/ लेक्चररों को परीक्षा लेकर नियमित रूप से भर्ती करें। अदालत ने कहा कि भर्ती की यह कवायद अगले शैक्षणिक सत्र जुलाई 2021 से पहले पूरी कर ली जाए।
न्यायमूर्ति एस.के. कौल और के.एम. जोसेफ की पीठ ने इस संबंध में आई याचिकाओं का निस्तारण करते हुए कहा कि तदर्थवाद को यूं ही जारी रहने नहीं दिया जा सकता। क्योंकि इससे बच्चों की पढ़ाई का नुकसान होता है। पीठ ने कहा कि विशेष परीक्षा/ इंटरव्यू लेकर भर्ती किए जाने वाले इन शिक्षकों को पिछली सेवा का पूरा वेटेज दिया जाएगा। उनकी यह सेवा रिटायरमेंट के लाभ के लिए भी गिनी जाएगी। इस बारे में सेवा आयोग जो भी फैसला करेगा, वह अंतिम होगा और उसके खिलाफ कोई अदालत नहीं जाएगा।
इस मामले को पांच वर्षों से अदालत में लंबित रहने को देखते हुए पीठ ने कहा कि भविष्य में ऐसी स्थिति न आए, इसके लिए यूपी सरकार और सेवा आयोग को निर्देश दिया जाता है कि कॉलेजों में रिक्तियों के बारे में तय कार्यक्रम बनाएं और उसके हिसाब से परीक्षाएं आयोजित की जाएं। अदालत ने कहा, हम चाहते हैं कि आयोग न सिर्फ मौजूदा रिक्तियों को देखे बल्कि भविष्य में पैदा होने वाली रिक्तियों के हिसाब से भी काम करे। इसके लिए दिए गए निर्देशों पर सख्ती से अमल किया जाए। इसके अलावा सरकार ये भी देखे कि संस्थानों को वित्तीय सहायता दी जाए, ताकि शिक्षकों को वेतन दिया जा सके। सुनवाई के दौरान मौजूद एडवोकेट जनरल और अधिवक्ता राकेश मिश्रा ने कहा है कि वे यह सुनिश्चित करेंगे।
अदालत ने कहा हम उम्मीद करते हैं कि इस तरह की स्थिति का सामना दोबारा नहीं करना पड़ेगा, उम्मीद हमेशा बनी रहती है, हम बेहतर भविष्य की आशा करते हैं। ये टिप्पणी करते हुए पीठ ने सभी 600 याचिकाओं और अर्जियों का निपटारा कर दिया।
लखनऊ : अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों पर भर्ती करने में हो रहे देर पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है और इन्हें जल्द भरने के निर्देश दिए हैं। चयन आयोग को समय पर भर्ती न कर पाने पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है।
कोर्ट ने इन स्कूलों में वर्षों से पढ़ा रहे तदर्थ शिक्षकों को भर्ती में वेटेज देने और चयनित होने पर पुरानी सर्विसेज को जोड़ने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि इन शिक्षकों को आगे पेंशन इत्यादि मिलने में दिक्कत न हो। जो तदर्थ शिक्षक चयनित नहीं हो पाएंगे वह बाहर कर दिए जाएंगे। जुलाई 2021 तक शिक्षकों के खाली सभी पद भरे जाने और तदर्थ शिक्षकों की व्यवस्था खत्म करने के निर्देश दिए गए हैं।
माध्यमिक स्कूलों में समय पर भर्ती न हो पाने के खिलाफ संजय सिंह व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश संजय किशन और केएम जोजफ की खंडपीठ ने संविधान के अनुच्छेद 142 में दी गई असाधारण शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह फैसला सुनाया है। उन्होंने शिक्षकों के खाली पदों पर शीघ्र परीक्षा आयोजित कर उन्हें भरने के निर्देश दिए हैं। वहीं वहीं तदर्थ शिक्षकों की पुरानी सर्विस का सत्यापन कराने का जिम्मा राज्य सरकार का होगा। कहा, विद्यार्थियों के हितों के लिए शिक्षकों की पर्याप्त संख्या जरूरी है। ऐसे में जुलाई 2021 से पहले खाली पदों पर भर्ती कर ली जाए। अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने बताया कि फैसले का अध्ययन कर क्रियान्वयन किया जाएगा।
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