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Wednesday, February 3, 2021

हाथरस : दागी को बना दिया बीएसए का स्टेनो, सेवा प्रदाता के जरिए हुई नियुक्ति

हाथरस : दागी को बना दिया बीएसए का स्टेनो, सेवा प्रदाता के जरिए हुई नियुक्ति

हाथरस : बीएसए दफ्तर में तैनात एक संविदा कर्मी पर वाहन चोरी का आरोपी

गोरखपुर जीआरपी में दर्ज है चोरी के वाहन बरामदगी का मुकदमा

कुछ माह पहले मिली थी एजेंसी के जरिए बीएसए के स्टेनो की नौकरी


बीएसए दफ्तर में तैनात एक संविदा कर्मी पर वाहन चोरी का आरोप है। उस पर देवरिया जिले में वाहन चोरी का मुकदमा चल रहा है। बीएसए दफ्तर में करीब सात माह पहले इस संविदा कर्मी की तैनाती एक एजेंसी के माध्यम से हुई थी।

अब इस संविदा कर्मी पर वाहन चोरी का आरोप होने की बात सामने आई है। इस संबंध में कोर्ट में भी मामला विचाराधीन बताया जा रहा है। जानकारी होने पर विभागीय अधिकारी भी जांच कराने बात कह रहे हैं। यह बात विभाग के लोगों में चर्चा का विषय बन गई है। लोग एक-दूसरे से इस बारे में जानकारी कर रहे हैं।

बीएसए मनोज कुमार मिश्र ने बताया कि संविदा पर एक कर्मचारी की नियुक्ति एजेंसी के माध्यम से हुई थी। अब उस पर क्या आरोप है, इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। रही बात मेरे साथ संबंध होने की तो उससे मेरा कोई संबंध नहीं है, फिर भी मामले में जांच की जा रही है।

बेसिक शिक्षा विभाग दागी स्टेनो की कुंडली खंगालेगा

चोरी के वाहन बरामदगी के मामले में अभियुक्त बने स्टेनो का बचना मुश्किल नजर आ रहा है। बीएसए अब जल्द ही कुछविभाग के अफसरों से पत्राचार करने के बाद एजेंसी को पत्र लिखेंगे, क्योंकि मामला सोशल मीडिया पर छाया हुआ है।

बीएसए आफिस में सेवा प्रदत्त एजेंसी के जरिये स्टेनो के पद पर नौकरी पाने वाले प्रेमशंकर मिश्र निवासी देवरिया के खिलाफ गोरखपुर जीआरपी में संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज है। स्टेनो भले ही जेलन जाने की बात कर रहा है, लेकिन शिकायकर्ताओं की माने तो स्टेनों ने इस मामले में जेल काटी है। लिहाजा कुछ भी हो, लेकिन इस पूरे मामले का खुलासा होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग की खूब किरकिरी हो रही है, क्योंकि प्रेमशंकर मित्र के बैंक खाते की डिटेल के बाद यह तो स्पष्ट हो गया है कि उसका किसी मनोज मिश्र के नाम के व्यक्ति से वर्ष 2018 में लेनदेन हुआ है। हालांकि स्टेनो यह मानने को तैयार नहीं हैकि उसका बीएसए मनोज मित्र से ही कोई लेनदेन हुआ है। लिहाजा यह सब जांच का विषय है, परन्तु इस खुलासे के बाद से पूरे बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कम्प का माहौल बना हुआ है।

● पहले सेवायोजन अधिकारी से राय लेंगे बीएसए

● गोरखपुर में दर्ज है स्टेनो के खिलाफ संगीन मुकदमा

मैंने कभी नहीं देखा है कि किसी एजेंसी के जरिये नौकरी पाने वाले कर्मचारी का पुलिस सत्यापन होता हो। फिर भी वह एक बार इस संबंध में सेवायोजन अधिकारी के साथ साथ कुछ अन्य विभागों के अधिकारियों से पत्राचार करके जानकारी करेंगे। अगर ऐसा कोई नियम होगा तो जरुर सेवा प्रदत्त एजेंसी को पत्र लिखकर कार्यवाही के लिए कहा जाएगा। - मनोज मिश्र, बीएसए


हाथरस : बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैनात बीएसए का स्टेनो गोरखपुर की जीआरपी में चोरी के पांच वाहनों की बरामदगी में अभियुक्त है। इस मामले का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है मगर बीएसए मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं।

सर्व शिक्षा अभियान के तहत एजेंसी के माध्यम से संविदा कर्मचारियों की तैनाती होती है। सात माह पूर्व प्रेमशंकर मिश्र निवासी रामनाथ वार्ड नंबर दो कोतवाली नगर, जिला देवरिया की नियुक्ति स्टेनो के पद पर हुई थी। वर्ष 2015 में गोरखपुर जीआरपी ने प्रेमशंकर मिश्र को अभियुक्त बनाया था। प्रेमशंकर के पास से चोरी की पांच मोटर साइकिलें बरामद हुई थीं। वर्ष 2015 में ही न्यायालय एसीजेएम/रेलवे मजिस्ट्रेट के कोर्ट में धारा आरोप पत्र दाखिल किया गया था। 

इलेक्ट्रानिक मीडिया पर मुकदमे से संबंधित कागजात व बैंक खाते के स्टेटमेंट वायरल हो रहे हैं। मनोज कुमार मिश्र नाम के व्यक्ति ने प्रेमशंकर के खाते में दो नवंबर 2018 में दो बार में 15-15 हजार रुपये डाले हैं। बीएसए हाथरस मनोज मिश्र का कहना है कि स्टेनो बनने से कोई पूर्व की जानकारी नहीं है। एजेंसी के जरिए कुछ माह पहले संविदा पर तैनाती हुई थी। संविदा कर्मियों का पुलिस सत्यापन का प्रावधान नहीं है।


बोले बीएसए 
मेरी प्रेमशंकर मिश्र से पूर्व की कोई जानकारी नहीं है। मेरे आफिस में वह संविदा पर स्टेनों के पद पर कार्यरत है। पांच छह महीने पहले एक फर्म के जरिये उनकी नियुक्ति हुई है। ऐसे कर्मचारियों का कोई पुलिस वेरीफिकेशन नहीं कराया जाता है। इस तरह के आरोप से वर्तमान चयन में कोई दिक्कत नहीं है। न कोई साक्ष्य है ओर कोई आधार है। ऐसा कोई मेजर लेनदेन नहीं रहा है। आपस में काम करते है तो ऐसा चलता है। -  मनोज मिश्र, बीएसए हाथरस


गोरखपुर जीआरपी में दर्ज मुकदमा कोर्ट में विचाराधीन है। एजेंसी के जरिए मार्च 2020 में नियुक्ति हुई थी। मनोज मिश्र के खाते में पैसे डालने की बात महज संयोग है, क्योंकि मेरे मामा और बीएसए का नाम एक ही है। जालंधर में रहने वाले मामा ने मुझे जरूरत पड़ने पर मेरे खाते में पैसे डाले थे। -प्रेमशंकर मिश्र, स्टेनो, बीएसए।

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