जागरण संवाददाता, गोरखपुर : सरकार के बाद विभाग की सख्ती से धीरे-धीरे दूध वितरण योजना परवान चढ़ने लगी है। बुधवार को जिले के 85 फीसद विद्यालय के बच्चों ने मध्याह्न् भोजन के साथ गर्म दूध पीया। हालांकि, विभाग ने और सख्ती बढ़ा दी है। जिन विद्यालयों में दूध का वितरण नहीं हुआ उन्हें चिह्न्ति किया जा रहा है। जल्द ही संबंधित प्रधानाध्यापक, ग्राम प्रधान व सभासद के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी। 1 जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओम प्रकाश यादव के अनुसार फिलहाल दूध का वितरण सुनिश्चित नहीं करने वाले विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। सभी स्कूलों में दूध का वितरण सुनिश्चित कराने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया था। इसके बाद भी कुछ विद्यालयों में उदासीनता रही। ऐसे विद्यालयों की सूची तैयार करने के लिए मध्याह्न भोजन योजना के जिला समन्वयक दीपक पटेल को निर्देशित कर दिया गया है।1 शिकायत मिली है कि ग्राम प्रधान और सभासद की उदासीनता के चलते दूध का वितरण नहीं हो पा रहा है। ऐसे में उन्हें चिह्नित कर डीपीआरओ से कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी। जिला समन्वयक दीपक पटेल के अनुसार जनपद में कुल 3219 विद्यालयों में दूध का वितरण होना है। जिसमें प्राथमिक के 2 लाख 65 हजार और जूनियर के 1 लाख 23 हजार बच्चों को दूध दिया जाना है।1 हर बुधवार को मध्याह्न भोजन के साथ 150 मिलीलीटर गर्म दूध दिया जाना अनिवार्य है। इसके लिए सरकार ने कन्वर्जन कास्ट भी बढ़ा दिया है। अप्रैल तक का धन भी विद्यालयों तक पहुंच गया है।
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