अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूलों में नियुक्तियों को लेकर बड़ा खेल किया गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में नियुक्ति पटल का काम देख रहे एक बाबू ने न केवल शासनादेश को ताख पर रखकर बीएसए से अनुमोदन कराया है बल्कि सरेनी विकास क्षेत्र के एक ऐसे विद्यालय में नियुक्ति की गयी है जिसमें न तो बिल्डिंग है और न ही छात्र संख्या। सब कागज पर है। स्कूल प्रबंधक से साठ-गांठ करके एक प्रधानाध्यापक और एक सहायक अध्यापक की नियुक्ति की गयी है। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि जिस जमीन पर स्कूल का संचालन बताया जा रहा है वह जमीन हरिजन कालोनी के नाम दर्ज है। फिलहाल इस विद्यालय की नियुक्तियों पर तमाम तरह के सवाल उठाये जा रहे हैं। सरेनी विकास खंड के अन्तर्गत रासीगांव में स्थित अशासकीय सहायता प्राप्त आदर्श पूर्व माध्यमिक विद्यालय में एक प्रधानाध्यापक और एक सहायक अध्यापक की नियुक्ति तत्कालीन प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आशा कनौजिया के अनुमोदन पर हुयी है। मौके पर विद्यालय की स्थिति वह नहीं है जो निुयक्ति के समय प्रबंधक ने कागजों पर दर्शायी है। एक लम्बे अरसे से नियुक्ति पटल पर तैनात बाबू की साठ-गांठ से इस स्कूल में नियुक्तियों की रूपरेखा तय की गयी। एक योजनाबद्ध तरीके से प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापक की नियुक्ति की गयी। जबकि कागजों पर दर्शायी गयी छात्र संख्या मौके की हकीकत से बिल्कुल जुदा है। इसके बावजूद भी इस विद्यालय में नियुक्तियां की गयी हैं। नियुक्तियों को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में चल रहे खेल का पर्दाफाश रासीगांव के विद्यालय की जांच के बाद स्वत: हो जायेगा। अगर इस विद्यालय की जांच करा ली जाए तो किस प्रकार सहायता प्राप्त विद्यालयों में नियुक्तियां होती हैं यह सामने आ जायेगा। आदर्श पूर्व माध्यमिक विद्यालय रासीगांव की हकीकत को जानने का प्रयास गुरुवार को किया गया तो सब कुछ खानापूर्ति नजर आया। विद्यालय में न तो छात्र संख्या दिखी और न ही वह अध्यापक जिनकी नियुक्ति विद्यालय के अनुशासन को बनाये रखने के लिए हुयी है। इस विद्यालय की जांच हुई तो नियुक्तियों में किये गये खेल का राजफाश हो जायेगा।
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