विद्यालय प्रबंध समिति नियम-निर्देशों के तहत ही कार्य करें। बेसिक शिक्षा अधिकारी जनपद के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधार तथा विद्यालय प्रबंध समिति के बेहतर योगदान को सुनिश्चित करें। बच्चों को यदि कुछ भी नहीं आ रहा है तो इसका सीधा उत्तरदायित्व अध्यापक/ अध्यापिका का होगा। उक्त उद्गार जिलाधिकारी अजय यादव ने विद्यालय प्रबंध समिति का कार्य एवं दायित्व (शैक्षिक सत्र 2016-17) पर विकास भवन स्थित सभागार में आयोजित कार्यशाला में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला के आयोजन से विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों को उनके दायित्वों का ज्ञान हो सकेगा और वे निश्चित रूप से उनका बेहतर निर्वहन भी करेंगे।उन्होंने कहा कि विद्यालय प्रबंध समिति अपने कार्यों का स्वयं सम्पादन करें तथा अपने कार्यों में बाहरी लोगों को सम्मिलित न करें। प्रबंध समिति के कार्यों को बाहरी लोगों से कराया जाना नियम विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा किया जाता है और कार्यों के सम्पादन में गलती होती है तो विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों को ही उत्तरदायी माना जायेगा। कार्यशाला में जिलाधिकारी ने प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई न कराने पर क्षोभ भी व्यक्त किया तथा उन्होंने अपने उच्च वेतनमान के उपरानत भी प्राइवेट विद्यालय के कम वेतनमान पर नियुक्त शिक्षकों की तुलना में बेहद कमजोर शिक्षण कार्य की भर्तस्ना भी की। उन्होंने कहा कि विद्यालय की शिक्षा कार्य में बहुत सुधार की आवश्यकता है। कार्यशाला में उन्होंने आशा व्यक्त की कि यहां आने से विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य तथा शिक्षक अपने कार्यों को भली-भांति समझेंगे तथा आगे उसका प्रचार भी करेंगे। कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी ऋ षिरेन्द्र कुमार ने विद्यालय प्रबंध समिति के कार्यों एवं उत्तदायित्वों पर विस्तृत चर्चा की तथा प्रतिभागियों से अपेक्षा की कि वे कार्यशाला से प्राप्त समस्त जानकारी आगे भी प्रसारित करेंगे। कार्यशाला में जिला विकास अधिकारी तथा बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यशाला में जिला समन्वयक बालिका शिक्षा, जिला समन्वयक समेकित शिक्षा, जिला समन्वयक प्रशिक्षण, सहायक वित्त एवं लेखा अधिकारी सहित जनपद के समस्त खंड शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक सह समन्वयक तथा न्याय पंचायत समन्वयक उपस्थित थे।
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