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Friday, December 23, 2016

जीवंत कक्षा से ही बच्चों की बेहतरी, दंड बच्चों के कोमल मन में नकारात्मक मनोविकार पैदा करता है-सिन्हा

कक्षा में अध्ययन-अध्यापन के लिए यह आवश्यक है कि कक्षा अनुशासित हो। आमतौर पर अनुशासन का अर्थ यह निकाला जाता है कि कक्षा कितनी शांत है। अगर बच्चे कक्षा में है और अध्यापक से सहज प्रश्नोत्तर कर रहे है तो इसे जीवंत कक्षा कहा जाना चाहिए। यह बात राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) उप्र इलाहाबाद के निदेशक संजय सिन्हा ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में कार्यरत वार्डेन के सुरक्षा एवं संरक्षा से संबंधित चार दिवसीय प्रशिक्षण के प्रथम चक्र की समाप्ति पर कह रहे थे। सिन्हा ने कहा कि दंड बच्चों के कोमल मन में नकारात्मक मनोविकार पैदा करता है जो बच्चों को चिड़चिड़ा बना देता है।समापन अवसर पर प्रवक्ता पवन सावंत ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 90 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।

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