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Friday, July 10, 2020

सीबीएसई की तर्ज पर करीब 30 फीसदी घटेगा यूपी बोर्ड का पाठ्यक्रम, 27,342 कॉलेजों के पठन-पाठन पर पड़ेगा असर, शासन के अंतिम निर्णय का इंतजार

महीने के हिसाब से कोर्स कम करेगा यूपी बोर्ड।

प्रयागराज :: सीबीएसई के बाद यूपी बोर्ड भी 2020-21 सत्र के लिए कोर्स कम करने जा रहा है। कोरोना के कारण मार्च से ही स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई बाधित है। इसे देखते हुए यूपी बोर्ड के विषय विशेषज्ञों से कोर्स कम करने का प्रस्ताव तैयार कराया है। शासन को भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार जुलाई महीने में यदि नियमित कक्षाएं नहीं चलतीं तो कक्षा 9 से 12 तक के पूरे पाठ्यक्रम का 10 प्रतिशत गुस्सा कम किया जाएगा। संस्कृत के कोर्स में भी 30 प्रतिशत कोर्स कम किए जाएंगे। इसी प्रकार अगस्त में पढ़ाई बाधित होने पर 20 फीसदी और सितंबर तक कक्षाएं चालू नहीं होने पर 30 प्रतिशत कोर्स कम किया जाएगा। बोर्ड ने इसी फॉर्मूले के आधार पर विषय विशेषज्ञों की कमेटी से हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, गणित, विज्ञान, सामाजिक, विज्ञान, भूगोल, जीव विज्ञान, कला, गृह विज्ञान समेत पूरे कोर्स में कटौती करवाते हुए शासन को मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा है। संस्कृत शिक्षा बोर्ड भी कम करने जा रहा कोर्स प्रदेश के 1151 संस्कृत विद्यालयों में संचालित प्रथमा (कक्षा 6 से 8 तक), पूर्व मध्यमा (कक्षा 9 व 10) और उत्तर मध्यमा (कक्षा 11 व 12) के कोर्स कटौती भी होने जा रही है। 13 से 15 जुलाई तक संस्कृत शिक्षा बोर्ड लखनऊ में बैठक बुलाई गई है। संस्कृत के कोर्स में भी 30 प्रतिशत कोर्स कम किए जाएंगे।


भेजा प्रस्ताव : कोरोना के कारण जुलाई महीने की पढ़ाई बाधित होने पर 10 प्रतिशत करेंगे कटौती

अगस्त के लिए 20 प्रतिशत, सितंबर तक नुकसान पर 30 प्रतिशत कमी का प्रस्ताव बोर्ड की ओर से शासन को भेजा गया है प्रस्ताव, विषय विशेषज्ञों से ली रिपोर्ट।

इस तरह होगी कटौती प्रयागराज उदाहरण के तौर पर जुलाई का नुकसान होने पर कक्षा 10 संस्कृत से तीन पाठ (10 प्रतिशत),अगस्तकी पढ़ाई प्रभावित होने की दशा में छह पाठ (20 प्रतिशत) और सितंबर तक पढ़ाई-लिखाई पटरी पर आने की स्थिति में नौ पाठ (30 प्रतिशत) कम किया जाएगा। 2020-21 सत्र की शुरुआत तो एक अप्रैल से ही हो चुकी है लेकिन यूपी बोर्ड जुलाई से सितंबर तक को आधार बनाकर कटौती करने के पक्ष में है।


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सीबीएसई की तर्ज पर घटेगा यूपी बोर्ड का पाठ्यक्रम, शासन के अंतिम निर्णय का इंतजार।

प्रयागराज : सीबीएसई की तर्ज पर यूपी बोर्ड से संबद्ध कालेजों में पाठ्यक्रम घटने जा रहा है। इसका असर प्रदेशभर के 27,373 कालेजों की पढ़ाई पर पड़ेगा। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा नौ से 12वीं तक का पाठ्यक्रम 30 प्रतिशत कम किया है। यूपी बोर्ड जून माह में ही पाठ्यक्रम कम करने का प्रस्ताव भेजा चुका है, संकेत है कि शासन करीब 30 प्रतिशत पाठ्यक्रम घटने का एलान कभी भी कर सकता है। गौरतलब है कि दैनिक जागरण ने 30 जून को 'यूपी बोर्ड से संबद्ध कालेजों में घटेगा पाठ्यक्रम !' खबर प्रकाशित की थी। कोरोना संक्रमण के कारण अब तक स्कूल-कालेज नहीं खुलने से पढ़ाई बाधित है। जबकि शैक्षिक सत्र पहली अप्रैल से ही शुरू हो चुका है।





हालांकि छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए ऑनलाइन माध्यम को अपनाया गया है। लेकिन, फिर भी उस गति से पढ़ाई नहीं हो सकी है। इसीलिए पाठ्यक्रम को कम करने की कवायद है। यूपी बोर्ड में कई विषयों में सीबीएसई का ही पाठ्यक्रम लागू हो चुका है। बोर्ड ने शासन के निर्देश पर जून में ही शिक्षा निदेशक माध्यमिक विनय कुमार पांडेय की देखरेख में पाठ्यक्रम घटाने के लिए बैठक की थी। पाठ्यचर्या समिति (पाठ्यक्रम बनाने वाले) के सदस्यों व विशेषज्ञों से चर्चा करने के बाद पाठ्यक्रम कम करने का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के अहम विषयों में पाठ्यक्रम कम करने पर सहमति बनी थी। इसके अलावा कक्षा नौ व ग्यारह का सिलेबस घटाने का प्रस्ताव है, जिसका करीब 20 व 30 फीसद कम करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। अब कभी भी शासन यूपी बोर्ड का पाठ्यक्रम सीबीएसई की तर्ज पर 30 प्रतिशत कम कर सकता है। उधर, यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल का कहना है कि पाठ्यक्रम घटाने पर शासन ही अंतिम निर्णय करेगा, जो आदेश होगा उसका अनुपालन कराया जाएगा।


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