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Tuesday, October 4, 2022

दरका शिक्षक संघों का वर्चस्व, शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों में बढ़ी राजनीतिक दलों की दखल, राजनीतिक दलों के उतरने से शिक्षक हितों को लगा झटका

दरका शिक्षक संघों का वर्चस्व, शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों में बढ़ी राजनीतिक दलों की दखल, 


राजनीतिक दलों के उतरने से शिक्षक हितों को लगा झटका

2020 के चुनाव में भाजपा ने विधान परिषद में शिक्षक निर्वाचन की चार सीटों पर पहली बार ठॉकी थी ताल

चार में से तीन पर भाजपा ने लहराया था परचम, वाराणसी में सपा से खाई थी मात

शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों में राजनीतिक दलों के प्रत्याशी उतारने से शिक्षक हितों को झटका, शिक्षक हित के बजाय जातीय व पार्टी के एजेंडे हो रहे हावी



विधान परिषद के आठ शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों पर शिक्षक संघों के वर्चस्व का मामला बीते दिनों की बात होकर रह गई है। अब इस क्षेत्र में भी राजनीतिक दल कूद पड़े हैं। सत्ता दल भाजपा ने पिछली बार चार विधान परिषद क्षेत्रों में अपना भाग्य आजमाया था और तीन पर पताका फहराने में सफल भी हुई थी। इस बार भाजपा दूनी ताकत से सभी आठ विधान परिषद क्षेत्रों में उतर पड़ी है। उसकी सीधी टक्कर सपा से होनी है। वहीं शिक्षक संघ भी राजनीतिक दलों को सबक सिखाने वाले तेवर में दिखाई पड़ रहे हैं।


प्रदेश में विधान परिषद के सभी आठ शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों में शिक्षक संघों के दबदबे की स्वर्णिम विरासत की चमक आने वाले समय में क्या धूमिल पड़ जाएगी। तमाम राजनीतिक विश्लेषकों ने मान लिया है कि राजनीतिक दलों के इस क्षेत्र में दखल देने से बाजी पलट चुकी हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ( शर्मा गुट) का वह इतिहास याद आता है, जब वर्षों तक विधान परिषद के आठों निर्वाचन क्षेत्र में उसका परचम लहराया करता था। 


इस तरह से राजनीतिक दलों के बढ़ते दखल से शिक्षक नेताओं की भुजाएं फड़क उठी हैं। फिलहाल चुनाव फरवरी 2023 में होना है, उसके नतीजे शिक्षक संगठनों एवं राजनीतिक दलों का भविष्य तय करेंगे। एक बार वर्ष 2020 के चुनावी नतीजों पर गौर करें तो भाजपा ने पहली बार चार सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, तीन पर जीत दर्ज की थी। मेरठ से भाजपा के श्रीचंद शर्मा ने दिग्गज नेता माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा को मात दी थी।


भाजपा के ही उमेश द्विवेदी ने लखनऊ और मुरादाबाद-बरेली सीट पर हरि सिंह ढिल्लो ने जीत दर्ज की थी। वहीं, वाराणसी में भाजपा हार गई थी। यहां से सपा के लाल बिहारी यादव जीते थे। गोरखपुर में माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के ध्रुव कुमार त्रिपाठी व आगरा से भाजपा के डा. आकाश अग्रवाल विधान परिषद पहुंचे थे। इलाहाबाद झांसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में 2017 से शर्मा गुट के सुरेश कुमार त्रिपाठी लगातार तीन बार जीत दर्ज करा चुके हैं। कानपुर माध्यमिक शिक्षक संघ चंदेल गुट के राजबहादुर सिंह चंदेल विधान परिषद पहुंचे थे। भाजपा के राष्ट्रीय प्रशिक्षण अभियान के प्रदेश सह संयोजक डा. शैलेश पांडेय कहते हैं कि पिछले चुनाव नतीजे पार्टी के लिए उत्साहजनक थे। उसी आधार पर हम अबकी समस्त आठ सीटों पर जीत हासिल करेंगे। 



राजनीतिक दलों के उतरने से शिक्षक हितों को लगा झटका

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ( शर्मा गुट) के अध्यक्ष सुरेश त्रिपाठी कहते हैं कि राजनीतिक दलों के प्रत्याशी उतारने से शिक्षक हितों को झटका लगा है। इससे शिक्षक हित के बजाय जातीय व पार्टी के एजेंडे हावी हो रहे हैं। शिक्षक समझ रहे हैं कि उनकी आवाज उनके बीच के लोग ही उठा सकते हैं। इससे नतीजे भी अप्रत्याशित होंगे। 


उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी कहते है कि शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों में दलगत राजनीति को बढ़ावा देना संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। शिक्षक भी सड़क पर उतरा करेंगे, क्योंकि उनकी बात सदन में मजबूती से उठाने वाला कोई नहीं होगा।

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