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Friday, October 21, 2022

यूपी बोर्ड परीक्षा केन्द्र निर्धारण नीति में पुलिस अफसर भी समिति में शामिल

यूपी बोर्ड परीक्षा केन्द्र निर्धारण नीति में पुलिस अफसर भी समिति में शामिल


यूपी बोर्ड की 2023 में होने वाली हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए स्कूलों को केंद्र बनाने में अब पुलिस अफसरों की भूमिका भी होगी। केंद्र निर्धारण के लिए गठित होने वाली जिला स्तरीय समिति के छह सदस्यों में अब पुलिस अफसर को भी शामिल कर लिया गया है। समिति डीएम की अध्यक्षता में गठित की जाएगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक या फिर पुलिस कमिश्नर की ओर से नामित पुलिस अधिकारी को समिति में बतौर सदस्य शामिल किया जाएगा।


जिला विद्यालय निरीक्षक इस समिति के सदस्य सचिव होंगे। बेसिक शिक्षा अधिकारी और तहसीलों में तैनात एसडीएम के साथ ही जिले के दो वरिष्ठ प्रधानाचार्य समिति के सदस्य होंगे। विशेष सचिव डॉ. वेदपति मिश्र की ओर से माध्यमिक शिक्षा निदेशक एवं यूपी बोर्ड के सभापति तथा यूपी बोर्ड के सचिव को भेजी गई केंद्र निर्धारण नीति में बोर्ड परीक्षा केंद्र के निर्धारण के लिए गठित की जाने वाली जिला स्तरीय समिति का स्वरूप दिया गया है। हालांकि शासनादेश में पुलिस अफसर की भूमिका का जिक्र नहीं किया गया है पर माना जा रहा है कि पुलिस अफसर को इसलिए शामिल किया गया है ताकि उन स्कूलों के बारे में सही जानकारी मिल सके, जो पूर्व में दागी रहे हैं.


यदि वित्तविहीन स्कूलों के कमरों की खिड़की सार्वजनिक सड़क या संकरी गली में खुलेगी तो उसे परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया जाएगा। राजकीय व एडेड स्कूलों केा इससे छूट दी जाएगी। वहीं प्रति छात्र 20 वर्गफुट का स्थान आवंटित किया जाएगा। एक स्कूल में एक से अधिक स्कूलों के छात्रों का परीक्षा केन्द्र बनाया जा सकेगा। स्कूलों की संदिग्ध छवि या प्रतिकूल तथ्य संज्ञान में आने पर एलआईयूी से रिपोर्ट ली जाएगी।


यूपी बोर्ड 2023 के लिए जारी परीक्षा केन्द्र नीति में पहुंच मोबाइल एप के माध्यम से स्कूलों की भौगिलिक स्थिति और मूलभूत संसाधनों की जानकारी जिला विद्यालय निरीक्षक और फिर जिलाधिकारी की टीम करेगी। हमेशा की तरह इस बार भी बोर्ड परीक्षा वायस रिकार्डर व सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में ही होगी। सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा, राउटर और ऐसा डीवीआर लगाएं जिसमें कम से कम 30 दिनों तक की रिकार्डिंग रहे।


मानकों के मुताबिक परीक्षा केन्द्रों की सूची तैयार की जाएगी। इसमें नीचे रहने वाले स्कूलों के बच्चों के लिए राजकीय इंटर कॉलेजों में परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा। 24 दिसंबर को परीक्षा केन्द्रों की सूची सार्वजनिक करते हुए यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। सभी जिलों में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। एक कंप्यूटर से न्यूनतम 10 व अधिकतम 16 परीक्षा केंद्रों की निगरानी होगी। राजकीय इंटर कॉलेजों के शिक्षकों की ड्यूटी कंट्रोल रूम में लगाई जाएगी। वहीं लखनऊ में एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा।


हमेशा की तरह इस बार भी की गई ये व्यवस्था

● परीक्षा कक्ष में दो कक्ष निरीक्षकों की व्यवस्था

● केन्द्र व्यवस्थापक कक्ष निरीक्षक व अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी सॉफ्टवेयर के माध्यम से

● ड्यूटी पर अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों का वेतन कटेगा

● बालिकाओं को स्वकेन्द्र की सुविधा, यदि यह सुविधा न दी जा सके तो यथासंभव 5 किमी के परिधि के अंदर केन्द्र बनाया जाएगा।

● 40 फीसदी की दिव्यांगता वाले विद्यार्थियों को स्वकेन्द्र की सुविधा, यदि संभव नहीं तो 5 किमी के अंदर केन्द्र आवंटित होगा

● बालकों को 10 किमी की परिधि में केन्द्र आवंटित होगा, अपरिहार्य स्थितियों में 15 किमी के अंदर भी केन्द्र बनेगा

● दोनों पालियों में आवंटित विद्यार्थियों की संख्या न्यूनतम 250, अधिकतम 1200



यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्र बनने के लिए जरूरी है टेक्नोलॉजी से लैस होना


लखनऊ। परीक्षा केंद्र निर्धारण से जुड़े उक्त निर्देश शासन ने यूपी बोर्ड की परीक्षा 2023 के लिए केंद्र निर्धारण प्रक्रिया की नीति जारी कर दिए हैं। नीति में परीक्षा केंद्र के चयन से लेकर निर्धारण व आवंटन तक की प्रक्रिया घोषित की गई है। इसके तहत परीक्षा केंद्र बनने वाले विद्यालय में प्रवेश द्वार से लेकर प्रत्येक शिक्षण कक्ष, स्ट्रांग रूम आदि में वायस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी कैमरा व 30 दिन की रिकार्डिंग क्षमता वाला डीवीआर जरूरी होगा। साथ ही वेबकास्टिंग से मॉनीटरिंग के लिए राउटर डिवाइस व हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्शन अनिवार्य होगा। 



प्रबंधतंत्र व प्रधानाचार्य में विवाद वाले स्कूल नहीं बनेंगे परीक्षा केंद्र


लखनऊ। प्रदेश में यूपी बोर्ड के जिन वित्तविहीन विद्यालयों के प्रबंधतंत्र व प्रधानाचार्य के बीच विवाद होगा, उस विद्यालय को वर्ष 2023 में परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। यहीं नहीं जिन अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) विद्यालयों में प्रबंधकीय विवाद यूपी बोर्ड है और वहां नियमानुसार प्राधिकृत नियंत्रक नियुक्त नहीं है, उन्हें भी परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा।


बोर्ड परीक्षा केंद्र निर्धारण नीति में कहा गया है कि जिन विद्यालयों के प्रधानाचार्य केंद्र निर्धारण के लिए जरूरी सूचनाएं समय से अपलोड नहीं करेंगे और गलत सूचनाएं देंगे, उनके विद्यालय को केंद्र नहीं बनाया जाएगा। साथ ही ऐसे प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही प्रबंधतंत्र को भी उत्तरदायी माना जाएगा। नकल, पर्चा आउट, हंगामे की घटनाओं में लिप्त रहे या डिबार विद्यालय केंद्र नहीं बनेंगे। 


वित्तविहीन जिन विद्यालयों के परिसर में प्रबंधक, प्रधानाचार्य आवास या छात्रावास हैं, उन्हें भी केंद्र नहीं बनाया जाएगा। किसी विद्यालय के प्रवेश द्वार, शिक्षण कक्ष आदि के ऊपर से कोई हाईटेंशन बिजली लाइन गई है तो उन्हें भी केंद्र नहीं बनाया जाएगा। एक पाली में एक पाली में 125 से कम धारण क्षमता वाले निजी विद्यालय भी परीक्षा केंद्र नहीं बनेंगे।


इन पर भी होगा प्रतिबंध

वर्ष 2022 की परीक्षा में जिन वित्तविहीन विद्यालयों में पंजीकृत परीक्षार्थियों के सापेक्ष पूरी बोर्ड परीक्षा में हाजिर रहने वाले परीक्षार्थियों का कुल प्रतिशत 30 प्रतिशत या अधिक रहा है, वह केंद्र नहीं बनेंगे। जिन वित्तविहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के कुल पंजीकृत परीक्षार्थियों की संख्या 80 से कम होगी, उन्हें भी परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा।


जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होगी जिला समिति

केंद्र निर्धारण के लिए जिले स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति होगी। इसमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षक/ पुलिस कमिश्नर द्वारा नामित अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिले के दो वरिष्ठ प्रधानाचार्य व संबंधित सब डिवीजन के उप जिलाधिकारी सदस्य होंगे। वहीं जिला विद्यालय निरीक्षक सदस्य सचिव होंगे।



टॉपर देने वाले स्कूल सबसे पहले बनेंगे यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्र, केन्द्र निर्धारण नीति जारी


 माध्यमिक शिक्षा विभाग ने यूपी बोर्ड 2023 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षाओं की परीक्षा केन्द्र निर्धारण नीति जारी कर दी है। इस बार स्मार्ट क्लास के संचालित होने, वर्ष 2022 की परीक्षा में जिला व राज्य स्तरीय टॉपर वाले स्कूलों को मेरिट में ज्यादा अंक दिए जाएंगे।


गुरुवार को माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव वेदपति मिश्र ने आदेश जारी कर दिया है। एक पाली में 125 से कम धारण क्षमता वाले वित्तविहीन स्कूल परीक्षा केन्द्र नहीं बनेंगे लेकिन राजकीय व एडेड स्कूलों को इस बार इस शर्त से छूट दी गई है।


स्कूलों की मेरिट बनाने के लिए आठ मानक जारी किए गए हैं। इस बार जिन स्कूलों में स्मार्ट क्लास संचालित होते हैं। उन्हें 5 नंबर मिलेंगे, साथ ही जिला स्तर पर टॉप 10 में जगह बनाने वाले स्कूलों को 5 और राज्य स्तर पर टॉप 10 में जगह बनाने वाले स्कूलों को 10 अंक मिलेंगे। ये मानक इस बार नए शामिल किए गए हैं। 


वहीं इस बार कक्षा कक्ष के लिए एक की बजाय 5 अंक दिए जाएंगे। वहीं पिछली बार का परिणाम 90 फीसदी से ज्यादा पर 10 अंक, राजकीय स्कूलों केा 50, अशासकीय सहायताप्राप्त को 30 और वित्तविहीन स्कूलों को 10 अंक दिए जाएंगे। 


पिछले वर्ष वित्तविहीन स्कूलों में पंजीकृत विद्यार्थियों के सापेक्ष पूरी बोर्ड परीक्षा में यदि 30 फीसदी से ज्यादा विद्यार्थी अनुपस्थित हों तो उन्हें परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया जाएगा। यदि हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के कुल पंजीकृत परीक्षार्थियों की संख्या 80 से कम होगी वहां परीक्षा केन्द्र न बनाएं। इस बार प्रधानाचार्यों की कमेटी उस स्कूल में जाकर वहीं से स्कूल की जियोलोकेशन का सत्यापन करेंगे।


गलत जानकारी पर स्कूल डिबार किया जाएगा

22 अक्तूबर तक सभी स्कूलों के प्राचार्यों को एक निर्धारित प्रोफार्मा पर केंद्र बनाए जाने को लेकर सभी जानकारी भरनी होंगी। अगर किसी प्रधानाचार्य ने गलत व भ्रामक जानकारी भरी तो उस स्कूल को तीन वर्ष के लिए डिबार कर दिया जाएगा। वहीं प्रधानाचार्य के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। सात जनवरी 2023 तक बोर्ड परीक्षा केंद्रों का निर्धारण कर सूची जारी कर दी जाएगी।

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