DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Monday, October 24, 2022

यूपी बोर्ड अपनी निगरानी में छपवाएगा हिन्दी, संस्कृत और उर्दू की किताबें

यूपी बोर्ड अपनी निगरानी में छपवाएगा हिन्दी, संस्कृत और उर्दू की किताबें


यूपी बोर्ड से जुड़े 28 हजार से अधिक स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा नौ से 12 तक के एक करोड़ से अधिक बच्चों तक अधिकृत और त्रुटिहीन किताबें पहुंचाने के मकसद से बोर्ड अब हिन्दी, संस्कृत और उर्दू की किताबें अपनी निगरानी में छपवाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार तैयार हो रहीं किताबों के प्रकाशन की जिम्मेदारी बोर्ड लेगा। अब तक इन तीन विषयों का पाठ्यक्रम तो बोर्ड निर्धारित करता है लेकिन किताबों के प्रकाशन पर बोर्ड का नियंत्रण नहीं है।


यानि कोई भी प्रकाशक इन्हें छाप सकता है। इसका सबसे अधिक नुकसान होता है कि कई बार प्रकाशक गलत तथ्य भी छाप देते हैं। जैसे कभी हिन्दी गद्य साहित्य के शलाका पुरुष आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की जन्मतिथि गलत छप जाती है तो कभी किसी लेखक की फोटो के स्थान पर किसी दूसरे की फोटो छाप देते हैं। इसको लेकर विवाद भी होते रहते हैं।


इस प्रकार की गलतियों से बचने के लिए बोर्ड ने प्रकाशन की स्वयं निगरानी का निर्णय लिया है। हिन्दी, संस्कृत व उर्दू की किताबों का प्रकाशन या तो टेंडर देकर या फिर राजकीय मुद्रणालय से कराया जा सकता है। इस संबंध में बोर्ड की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है।


किताबों के अनुमोदन के लिए हुई कार्यशाला

प्रयागराज। तीनों विषयों की पुस्तकों के अनुमोदन के लिए छह से आठ अक्तूबर तक बोर्ड मुख्यालय में कार्यशाला हुई थी। किताबों की विषयवस्तु में तो कोई खास बदलाव नहीं किया गया है बल्कि अभ्यास के प्रश्नों और अभ्यास सामग्री में परिवर्तन किया गया है।

No comments:
Write comments