DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Friday, October 7, 2022

यूजीसी ने विश्वविद्यालय में रैगिंग से निपटने को सुझाए उपाय, छात्रों की नियमित काउंसलिंग करने की दी सलाह

यूजीसी ने विश्वविद्यालय में रैगिंग से निपटने को सुझाए उपाय, छात्रों की नियमित काउंसलिंग करने की दी सलाह 

छात्र के रंग, जाति, धर्म, जातीयता, लिंग, क्षेत्रीय मूल, भाषाई पहचान, जन्म व निवास स्थान और आर्थिक पृष्ठभूमि के आधार पर कोई भी टिप्पणी रैगिंग की श्रेणी



नई दिल्ली ।  उच्च शिक्षण संस्थान या फिर हॉस्टल कैंपस में किसी छात्र को बिहारी, जाट, काला, मोटा, मुस्लिम, हिंदू, जैसी टिप्पणियां की तो रैगिंग की श्रेणी में मुकदमा दर्ज होगा। किसी छात्र के मानसिक व शारीरिक शोषण के अलावा रंग, जाति, धर्म, जातीयता, लिंग, क्षेत्रीय मूल, भाषाई पहचान, जन्म व निवास स्थान और आर्थिक पृष्ठभूमि के आधार पर कोई भी टिप्पणी रैगिंग की श्रेणी में आएगी।


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों के अलावा आईआईटी, आईआईएम, मेडिकल, तकनीकी, लॉ कॉलेजों को भी यूजीसी एंटी रैगिंग गाइडलाइन लागू करने का निर्देश दिया है। एंटी रैगिंग टीम को शौचालय, आराम सह मनोरंजन कक्ष, कैंटीन, हॉस्टल, बस स्टैंड के औचक निरीक्षण की रिपोर्ट पेश करनी होगी। इसके अलावा शिक्षण संस्थानों को अपने दाखिला आवेदन पत्र में एंटी- रैगिंग गाइडलाइन की जानकारी देना अनिवार्य होगा।


UGC ने कहा संस्थान की सूचना एवं विवरण पुस्तिका में रैगिंग रोधी चेतावनी का स्पष्ट रूप से उल्लेख होना चाहिए और इसके साथ ही संस्थान के ई-पत्रक में दाखिला लेने वाले छात्रों को संस्थान की ओर से प्रदान किए जाने वाले मार्गदर्शन की जानकारी होनी चाहिए।




नई दिल्ली । विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों के परिसरों में रैगिंग की बुराई से निपटने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन उपायों में रैगिंग रोधी समिति बनाने, छात्रों के साथ नियमित संवाद एवं परामर्श तथा छात्रावासों का औचक निरीक्षण आदि जैसे कदम शामिल हैं।


छात्रों की नियमित हो काउंसलिंग
आयोग के सचिव रजनीश जैन ने विश्वविद्यालयों को लिखे पत्र में कहा कि छात्रों के साथ नियमित संवाद एवं उनकी काउंसलिंग होनी चाहिए ताकि रैगिंग के शुरुआती संकेतों और परेशानी पैदा करने वाले तत्वों का पता लगाया सके।


हास्टल, छात्रों के रहने के स्थान, कैंटीन, आराम सह मनोरंजन कक्ष, शौचालयों, बस स्टैंड का औचक निरीक्षण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन कदमों से रैगिंग एवं किसी अवांछित व्यवहार या घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी।


UGC ने कहा, 'रैगिंग रोधी समिति का हो गठन'
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने अपने परामर्श में कहा कि रैगिंग रोधी समिति, रैगिंग रोधी दस्ता, रैगिंग रोधी प्रकोष्ठ का गठन तथा मीडिया के जरिए इन उपायों का पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। इसमें कहा गया है कि संस्थान की सूचना एवं विवरण पुस्तिका में रैगिंग रोधी चेतावनी का स्पष्ट रूप से उल्लेख होना चाहिए और इसके साथ ही संस्थान के ई-पत्रक में दाखिला लेने वाले छात्रों को संस्थान की ओर से प्रदान किए जाने वाले मार्गदर्शन की जानकारी होनी चाहिए।


आयोग ने सुझाव दिया है कि महत्वपूर्ण जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने, संस्थान की वेबसाइट एवं संपर्क के ब्योरे तथा रैगिंग रोधी समिति के अधिकारियों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इस विषय पर रैगिंग रोधी कार्यशाला, सेमिनार आदि भी किए जाने चाहिए।

No comments:
Write comments