ऊंट के मुंह में जीरा.. यह मुहावरा बेसिक शिक्षा विभाग में इस समय बिल्कुल फिट बैठ रहा है। परिषदीय स्कूलों में बच्चों को मुफ्त बंटने वाली किताबों को इतनी कम मात्र में भेजा गया है कि उनको बांटना तो दूर, सत्यापन भी संभव नहीं होगा। बीआरसी एलमपुर में ये किताबें रखी गई हैं। जिले के करीब 2500 स्कूलों में लगभग 2.47 लाख बच्चे पढ़ते हैं। इन्हें मुफ्त में बांटने के लिए 20 लाख किताबें भेजी जाती हैं। अभी विभाग को दो चरणों में 63 हजार किताबें ही मिल पाई हैं। पहले चरण में 35 हजार व दूसरे में 28 हजार किताबें आई हैं। सभी किताबें कक्षा एक की कलरव हैं। शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि अभी किताबों की संख्या इतनी कम है कि सत्यापन भी नहीं कराया जा सकता। बीएसए धीरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि किताबें आनी शुरू हुई हैं, अभी कक्षा एक की कलरव किताब ही आई हैं। अन्य कक्षाओं व विषयों की किताबों का इंतजार है। आते ही सत्यापन कराकर बंटवाया जाएगा।
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