सरकारी स्कूलों की हालत खस्ता है। सुविधाओं और व्यवस्था के दावे खूब हैं लेकिन सच्चाई इसके ठीक उलट है। परिषदीय स्कूलों में पढ़ने के लिए आने वाले बच्चे पुरानी डेस ही पहनने को मजबूर हैं। कइयों के पास तो किताबें तक नहीं हैं। जिन बच्चों का नया दाखिला हुआ है उनके मां-बाप भी ठगा सा महसूस कर रहे हैं। वहीं शिक्षा विभाग के अफसर और स्वयं शिक्षक भी कह रहे हैं कि नई ड्रेस जल्द ही वितरित कराई जाएगी।
परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले 5 लाख 15 हजार 635 विद्यार्थियों को सर्व शिक्षा अभियान के मद से दो जोड़ी निश्शुल्क ड्रेस दी जानी है। शिक्षा सत्र शुरू पांच माह हो चुके हैं लेकिन ड्रेस वितरण की प्रकिया कछुआ चाल चल रही है। शिक्षा विभाग के अफसरों का दावा था कि जुलाई माह में हर बच्चे के पास नई ड्रेस होगी। लेकिन अफसरों के सारे दावों की पोल खुल गई है। पूर्व माध्यमिक कन्या विद्यालय पुराना कटरा के छात्र राज, साहिल, विकास, सुभम व छात्र अंजली यादव और शीबा ने बताया कि हम पुरानी ड्रेस पहनकर स्कूल आते हैं। नई डेस उन्हें नहीं मिली है। प्राथमिक विद्यालय पीडी टंडन मार्ग व प्राथमिक विद्यालय बख्तियारी का भी यही हाल है। छात्र छात्रओं ने बताया कि मैडम कहती है कि जल्द ही नई ड्रेस मिल जाएगी। स्कूलों में ऐसा हाल केवल नगर क्षेत्र का ही नहीं पूरे जनपद में है। पूर्व माध्यमिक कन्या विद्यालय पुराना कटरा की प्रधानाध्यापिका ममता शर्मा, प्राथमिक विद्यालय पीडी टंडन मार्ग की प्रधानाध्यापिका तनवीर खान व प्राथमिक विद्यालय बख्तियारी की प्रधानाध्यापिका अलका अग्रवाल ने बताया कि तीस अगस्त तक बच्चों को ड्रेस मिल जाएगी। इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी जयकरन यादव कहते हैं कि दो जोड़ी ड्रेस बच्चों को दिए जाने के लिए विद्यालय प्रबंध समिति के खातों में धनराशि भेज दी गई है। तीस अगस्त तक ड्रेस बांटे जाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। बताया कि दो जोड़ी ड्रेस चार सौ रुपये में बांटी जाएगी।
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