सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिलने वाली ड्रेस की मजबूती पर अफसर खासे सतर्क हैं। इस बार ड्रेस में देरी जरूर हुई है, लेकिन अफसरों की कोशिश है कि गुणवत्ता पर कोई सवाल न उठ पाए। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने टास्क फोर्स भी बनाई है, जो ड्रेस के कपड़े व सिलाई की परख करेगी। डीएम भी धुलवाकर कपड़े की गुणवत्ता देखेंगे। ड्रेस का वितरण अभिभावक के हस्ताक्षर के बाद ही किया जाएगा। एबीएसए व प्रधानाध्यापक ड्रेस के कपड़े का नमूना विकास खंड मुख्यालय, स्कूल व न्याय पंचायत पर रखेंगे। बीएसए धीरेंद्र कुमार यादव कहते हैं कि कपड़े के नमूने से अलग कपड़ा ड्रेस का निकला तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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