विद्यालयों में कम नहीं बस्तों का बोझ, पाठ्यक्रम और पुस्तक निर्धारण का मानक निर्धारित नहीं, पांच से सात किग्रा तक का बोझ हर रोज उठा रहे नौनिहाल। बीएसए कुशीनगर श्री लालजी यादव कहते हैं कि बच्चों के बस्तों का बढ़ता बोझ एक गंभीर समस्या है और परिषदीय स्कूलों में इसे लेकर कवायद जारी है। उम्मीद है कि शीघ्र ही इसका परिणाम सामने होगा।
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