DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Sunday, September 6, 2020

शिक्षा सेवा अधिकरण का मुख्यालय लखनऊ में बनाने पर फिर उपजा रोष

शिक्षा सेवा अधिकरण का मुख्यालय लखनऊ में बनाने पर फिर उपजा रोष

 
प्रयागराज : उप्र जूनियर लायर्स एसोसिएशन ने राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्णय व कानून के खिलाफ जाकर शिक्षा सेवा अधिकरण का मुख्यालय लखनऊ में बनाने की कड़ी निंदा की है। सरकार को नौकरशाही के इशारे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना करने का दोषी करार दिया है।


एसोसिएशन की बैठक की अध्यक्षता मिथिलेश कुमार तिवारी ने की। संचालन सचिव जीपी सिंह ने किया। एसोसिएशन ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के केस में स्पष्ट रूप से निर्णय दिया है कि अधिकरण वहीं गठित हो जहां हाईकोर्ट हो। उप्र राज्य पुनर्गठन अधिनियम में स्पष्ट लिखा गया है कि उप्र का हाईकोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट है। लखनऊ में इसकी खंडपीठ है। 


इलाहाबाद हाईकोर्ट का मुख्यालय प्रयागराज में होने के नाते किसी भी अधिकरण का मुख्यालय भी प्रयागराज में ही होना चाहिए, क्योंकि प्रयागराज में इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधान पीठ स्थित है। हर अधिकरण पर हाईकोर्ट का क्षेत्रधिकार व नियंत्रण होता है। ऐसे में अधिकरण का मुख्यालय प्रयागराज में न बनाकर लखनऊ में बनाना कानून की धज्जियां उड़ाने वाला है। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नौकरशाही के दबाव में आकर कानून व सुप्रीम कोर्ट की विधि व्यवस्थाओं के विपरीत, शिक्षा सेवा अधिकरण का मुख्यालय लखनऊ में बनाने के फैसले को वापस लेने की मांग की है।


मुख्यमंत्री के नाम खुला पत्र : इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अमरनाथ त्रिपाठी ने शिक्षा सेवा अधिकरण का मुख्यालय लखनऊ में बनाने के फैसले को लेकर मुख्यमंत्री को ई-मेल से पत्र भेजकर विरोध किया है और कहा है कि कैबिनेट का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के मद्रास बार एसोसिएशन केस, यूपी अमल्गमेशन आर्डर के तहत नसीरुद्दीन केस के फैसले व उप्र राज्य पुनर्गठन अधिनियम के उपबंधों का खुला उल्लंघन है। 


त्रिपाठी ने प्रदेश के महाधिवक्ता एवं विधायी कार्य देखने वाले अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा है कि सही कानूनी सलाह न देने के कारण सरकार गलत फैसले ले रही है और सुप्रीम कोर्ट में जीतने वाले मुकदमे हारती जा रही है। त्रिपाठी ने प्रयागराज में ही शिक्षा सेवा अधिकरण स्थापित करने की मांग की है और कहा है कि मुख्यमंत्री नेताओं व नौकरशाही के दबाव में फैसले न लेकर कानूनी दायित्व निभाए।


शिक्षा प्राधिकरण का मुख्यालय लखनऊ में बनाए जाने के फैसले का विरोध तेज हो गया है। सरकार के इस फैसले से नाराज सपा कार्यकर्ताओं ने शनिवार को सुभाष चौराहे पर प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार पर प्रयागराज की गरिमा एवं पहचान से खिलवाड़ किए जाने का आरोप लगाया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं।


सुभाष चौराहा पर एकत्रित कार्यकर्ता घेरा बनाकर बैठ गए थे। उनका कहना कि जिले का नाम बदलने के साथ सरकार इसकी सूरत और पहचान बदलने की साजिश कर रही है। यहां से सभी मुख्यालय हटाए जा रहे हैं। सरकार यह निर्णय प्रयागराज वालों के साथ धोखा है। उन्होंने चेतावनी दी कि इलाहाबाद की उपेक्षा मंत्रियों को भारी पड़ेगी। आंदोलन की अगुवाई कर रही ऋचा सिंह ने मंत्रियों तथा अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों सवाल उठाया।

No comments:
Write comments