मोबाइल एप पर NCERT की किताबों की तालीम हासिल करेंगे मदरसे के छात्र, मोबाइल एप की मिली मंजूरी, यूपी डिस्को तैयार करेगा एप।
लखनऊ : मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त अनुदानित और गैर अनुदानित मदरसों के सभी छात्र छात्राएं अब मोबाइल एप पर एनसीईआरटी की किताबों से तालीम हासिल करेंगे। मदरसों में ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने मोबाइल एप तैयार करने की मंजूरी दे दी है। एप पर दीनियात (धर्मशास्त्र) और एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम हिंदी, अंग्रेजी के साथ उर्दू में भी उपलब्ध एप बनाने की जिम्मेदारी यूपी रहेगा।
डिस्को को दी गई है। प्रदेश सरकार ने तीन साल पहले तैतानिया (कक्षा 1 से 5 ) फोकानिया ( कक्षा 5 से 8 ) और आलिया व उच्च आलिया स्तर ( हाई स्कूल व उसके ऊपर ) के मदरसों में एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई की मंजूरी दी थी प्रदेश में मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त करीब 16460 मदरसे हैं। इनमें से 558 मदरसे सरकार से अनुदानित हैं। तैतानिया और फोकानिया के बच्चों को हिंदी अंग्रेजी गणित सामाजिक विज्ञान की शिक्षा बेसिक शिक्षा परिषद की है किताबों से दी जाती रही है। बेसिक शिक्षा विभाग सर्व शिक्षा अभियान के तहत निशुल्क किताबें उपलब्ध कराता है।
आलिया व उच्च स्तर के मदरसों में विकल्प के तौर पर शामिल गणित विज्ञान व कंप्यूटर इतिहास भूगोल विषयों को बतौर अनिवार्य विषय लागू करते हुए सभी स्तर के मदरसों में आधुनिक विषयों के लिए एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने के मदरसा बोर्ड के प्रस्ताव को प्रदेश सरकार ने साल 2017 में मंजूरी दी थी। तय हुआ था कि हिंदी व अंग्रेजी को छोड़कर सभी विषयों की किताबें उर्दू में होंगी ताकि उर्दू को मजबूती मिलने के साथ ही उड़ बोर्ड का औचित्य भी बरकरार रहे। बोर्ड के रजिस्ट्रार आरपी सिंह ने बताया कि एप को मदरसा पोर्टल से जोड़ा जाएगा। मदरसों को एप का लिंक भेजकर सभी को एप से जोड़ा जाएगा। एप का मकसद ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ ही बच्चों को शिक्षा सामग्री आसानी से मुहैया कराना है उन्होंने बताया कि एप पर पाठ्यक्रम मौजूद रहेगा। इससे मदरसा प्रबंधन को किसी तरह का संशय भी नही रहेगा।
सरकार ने एप तैयार करने जिम्मेदारी यूपी डिस्को को दी है। सरकार ने मोबाइल एप की दी मंजूरी, यूपी डिस्को तैयार करेगा एप, दीनियात और एनसीईआरटी का उपलब्ध रहेगा पाठ्यक्रम
गैर अनुदानित मदरसों को भी मिलेगा फायदा
मोबाइल एप पर एनसीईआरटी की शिक्षण सामग्री उपलब्ध होने का सबसे बड़ा फायदा गैर अनुदानित मदरसों को होगा। बच्चों को किताबों के लिए भटकना नही पड़ेगा। वहीं एप पर दीनियात की किताबें भी मिलना आसान होगा।
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