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Friday, January 15, 2021

कवायद : केंद्रीय विद्यालयों को खोलने पर फैसला जल्द, दिल्ली सरकार की स्कूलों को खोलने की घोषणा के बाद शुरू हुई तैयारी

कवायद : केंद्रीय विद्यालयों को खोलने पर फैसला जल्द, दिल्ली सरकार की स्कूलों को खोलने की घोषणा के बाद शुरू हुई तैयारी


▪️केंद्रीय विद्यालय संगठन ने योजना पर शुरू किया काम

▪️फिलहाल एक समय में नहीं बुलाई जाएगी पूरी क्लास



नई दिल्ली: दिल्ली के केंद्रीय विद्यालयों को भी खोलने का फैसला अब अगले एक-दो दिनों में लिया जा सकता है। फिलहाल दिल्ली सरकार की सभी स्कूलों को 18 जनवरी से खोलने की घोषणा के बाद केंद्रीय विद्यालयों को खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। हालांकि इसे लेकर अहम बैठक शुक्रवार को रखी गई है। इसमें स्कूलों में दसवीं और बारहवीं के बच्चों को छोटे-छोटे ग्रुप या फिर सभी को एक साथ बुलाने को लेकर फैसला लिया जाएगा।


वैसे तो उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में स्कूलों को खोलने की अनुमति काफी पहले ही दे दी गई थी। इसके बाद केंद्रीय विद्यालयों को भी खोल दिया गया है, लेकिन बच्चों की उपस्थिति को अनिवार्य न करने से उपस्थिति काफी कम है। ऐसे में सिर्फ वहीं बच्चे स्कूल आ रहे हैं, जिन्हें पढ़ाई में कहीं कोई दिक्कत है। बाकी सभी बच्चे ऑनलाइन ही पढ़ाई कर रहे हैं। हालांकि इस दौरान दसवीं और बारहवीं के बच्चों को प्रैक्टिकल कार्यों के लिए अनिवार्य रूप से बुलाया जा सकता है। इसकी तैयारी की जा रही है।

केंद्रीय विद्यालय संगठन से जुड़े अधिकारियों की मानें तो स्कूलों और अभिभावकों के साथ चर्चा के बाद ही इस पर कोई फैसला लिया जाएगा। वैसे भी जिस तरह से बोर्ड की प्रैक्टिकल परीक्षाओं को एक मार्च से कराने की घोषणा की गई है, उसमें बच्चों को इससे पहले ही प्रैक्टिकल परीक्षा की तैयारी के लिए बुलाया जाना है। यह इसलिए भी अहम है, क्योंकि स्कूलों के बंद होने से अब तक प्रैक्टिकल बिल्कुल भी नहीं हो पाया है।

केंद्रीय विद्यालय के बच्चों से 18 जनवरी को निशंक करेंगे चर्चा

कोरोना संकट के दौरान स्कूलों को जब फिर से खोलने की प्रक्रिया शुरू हुई है, उसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 18 जनवरी को केंद्रीय विद्यालय के छात्रों से चर्चा का फैसला लिया है। निशंक ने गुरुवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। बताया जा रहा है कि वह छात्रों से कोरोना संकट के बीच बिताए गए समय और अब सतर्कता के साथ स्कूलों में फिर से लौटने जैसे मुद्दों को लेकर चर्चा कर सकते है।

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