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Monday, January 24, 2022

गजब : UPTET उच्च प्राथमिक स्तर का पूरा पेपर हू-ब-हू 2017 की परीक्षा जैसा

गजब : UPTET उच्च प्राथमिक स्तर का पूरा पेपर हू-ब-हू 2017 की परीक्षा जैसा


UPTET: रविवार को दो पालियों में हुई उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) में 2017 के सवालों की पुनरावृत्ति केवल कुछ प्रश्नों तक सीमित नहीं है। जूनियर स्तर पर सभी सवाल 2017 से पेपर से आए हैं। इन सवालों की मूल भाषा समान है, लेकिन उत्तर के क्रमांक बदले हुए हैं। परीक्षा में 2017 से जो सवाल 2021 के पेपर में रिपीट हुए हैं, उसमें पांच-पांच सवालों का पैटर्न है। प्राइमरी स्तर पर भी सवाल रिपीट हुए हैं, लेकिन जूनियर के सापेक्ष इनकी संख्या कम है। सोमवार को 2017 और 2021 टीईटी की मूल बुकलेट के सवाल मिलान करते ही छात्रों के पैरों तले जमीन खिसक गई। सभी सवालों के पुराने पेपर से आने का असर रिजल्ट पर पड़ सकता है। इस बार ना केवल औसत प्राप्तांक बढ़ने की उम्मीद है बल्कि उत्तीर्ण प्रतिशत में भी बढ़ोतरी होगी।


जूनियर में इस तरह आए पुराने सवाल

जूनियर स्तर पर 2017 और 2021 (रविवार-2022 को हुआ पेपर) में दोनों की बुकलेट सीरीज ‘सी’ से सवालों का मिलान किया गया। चाइल्ड डवलपमेंट पैडॉगॉगी सेक्शन में रविवार को आया प्रश्न संख्या एक 2017 में 24 वें नंबर पर है। प्रश्न दो, तीन, चार और पांच 2017 की बुकलेट में 25-28 तक क्रमवार हैं। रविवार के पेपर में प्रश्न समान है, लेकिन उत्तर के विकल्प के क्रम बदले हुए हैं। 2021 के पेपर में प्रश्न छह से 10 तक 2017 की बुकलेट में 14-18 नंबर पर हैं। सभी सेक्शन में पांच-पांच प्रश्नों को ग्रुप को आगे-पीछे किया गया है। दोनों बुकलेट के प्रश्न मिलाने पर हिन्दी, अंग्रेजी, गणित-साइंस और सामाजिक विज्ञान में सभी प्रश्न 2017 से मिल रहे हैं। यानी 2017 का पेपर सौ फीसदी रविवार को जूनियर में रिपीट हुआ।


प्राइमरी स्तर पर इतने सवाल पुराने
कक्षा एक से पांचवीं तक प्राइमरी स्तर के टीईटी में चाइल्ड डवलपमेंट पैडॉगॉगी सेक्शन में 15, हिन्दी में 23, अंग्रेजी में आठ, संस्कृत में 18, गणित में 16 और पर्यावरण अध्ययन में 17 सवाल 2017 के पेपर से हैं। प्रत्येक सेक्शन में कुल सवालों की संख्या 30 होती है। ऐसे में प्राइमरी स्तर के पेपर में भी 60 फीसदी से ऊपर सवाल 2017 के पेपर से आए हैं।


पेपर मिलाकर देखा तो होश उड़ गए
प्राइमरी एवं जूनियर स्तर के दोनों पेपर देने वाले रजत शर्मा को रविवार को 2017 के सवाल रिपीट होने पर यकीन नहीं हुआ, लेकिन सोमवार को जब दोनों बुकलेट सामने रखी तो दावे सही निकले। रजत के अनुसार जूनियर टीईटी में तो लगभग सारे सवाल 2017 के पेपर से आए हैं। इनमें केवल उत्तर क्रमांक बदला हुआ है। प्राइमरी में पुराने सवालों की संख्या थोड़ी कम है, लेकिन सवाल 2017 से ही आए हैं। साक्षी शर्मा के मुताबिक जूनियर में पूरा पेपर 2017 से था।


सोशल मीडिया पर कसे जा रहे तंज
जूनियर में सौ फीसदी पेपर रिपीट होने पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है। रियल हिमांशु राणा के फेसबुक पेज पर पोस्ट है ‘रावण कितना भी बुरा आदमी था, लेकिन तीर कॉपी-पेस्ट करके नहीं चलाता था। प्राथमिक 67%, उच्च प्राथमिक 100% कट-पेस्ट 2017 से। दूसरी पोस्ट है। यूपी टेट-2017 जूनियर 150 के साथ प्रथम पायदान पर। पैराग्राफ भी ना छोड़ें। पेपर 2022 का रहा है, लेकिन शब्द 2017 के हैं। नीली की जगह काली स्याही प्रयुक्त की है बस।



UPTET : 2017 के प्रश्नपत्र से रिपीट हुए अधिकांश प्रश्न


प्रयागराज : यह महज संयोग है या कुछ और, लेकिन प्रश्न उठ रहे हैं कि यूपीटीईटी-2021 के प्रश्नपत्र में अधिकांश प्रश्न वर्ष 2017 की यूपीटीईटी से रिपीट हुए हैं। ऐसा किसी एक विषय के प्रश्नों में नहीं, बल्कि कई में हुआ है। इस स्थिति पर शिक्षक ने हैरानी जताई है। कहा है कि हिंदी विषय में अपठित गद्यांश भी रिपीट हुआ है। 



प्राथमिक स्तर की यूपीटीईटी-2021 में 150 प्रश्न पूछे गए। इसमें पांच विषय से जुड़े प्रश्न शामिल हैं। बाल विकास में शिक्षण विधि के 30 प्रश्न हैं। इसी तरह भाषा प्रथम में हिंदी में 30, भाषा द्वितीय में अंग्रेजी या संस्कृत अथवा उर्दू में क्रमश: 30-30 प्रश्न, गणित और पर्यावरण अध्ययन में 30-30 प्रश्न हैं। इसी तरह वर्ष 2017 की परीक्षा में भी प्रश्नपत्र तैयार किए गए थे। कौशांबी के टेवां स्थित एक विद्यालय के सहायक अध्यापक अनिल कुमार पाण्डेय ने प्रश्नपत्र सेट किए जाने पर सवाल उठाए हैं। दावा किया है कि शिक्षण विधि, हिंदी, संस्कृत, गणित और पर्यावरण अध्ययन में पूछे गए


अधिकांश प्रश्न वर्ष 2017 से हूबहू लिए गए हैं। उदाहरण के लिए हिंदी विषय में 2021 की परीक्षा में 31 नंबर पर प्रश्न है- घुमक्कड़ शब्द में कौन सा प्रत्यय है? 32 नंबर पर प्रश्न है- महावीर स्वामी का जन्म कहां हुआ था? 33 नंबर पर प्रश्न है स्वच्छंद में कौन सी संधि है। वर्ष 2017 की यूपीटीईटी में भी यही प्रश्न थे, लेकिन प्रश्नों का क्रम 56,57,58 था। 20 से ज्यादा प्रश्न दोनों वर्षों के प्रश्नपत्रोंें में हैं। 


शिक्षक ने अन्य विषयों में ऐसा होने का दावा किया है। युवा मंच ने वर्ष 2017 के प्रश्नपत्र से प्रश्न रिपीट होने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री को ट्वीट कर कहा है कि प्रश्नों को दोहराकर कोचिंग संस्थानों को लाभ पहुंचाने की कोशिश है। मंच अध्यक्ष अनिल सिंह ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने कोरोना गाइड लाइन न करने का आरोप लगाया है।


प्रश्नपत्र रिपीट होने के मामले में पीएनपी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि परीक्षाओं में सवाल घुमा फिराकर पूछे ही जाते हैं। पूर्व में जो प्रश्न परीक्षा में आए होते हैं, वह बाद की परीक्षा के प्रश्नों में शामिल किए जाते हैं, जो सबके लिए समान होते हैं। उन्होंने आरोपों को गलत बताया है।


प्रयागराज : उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी-2021) में गणित के प्रश्नों ने अभ्यर्थियों को खूब छकाया। औसत, बारंबारता व त्रिकोणमिति के प्रश्नों ने अधिक समय लिया। कई अभ्यर्थी इन प्रश्नों में उलझने की वजह से अन्य प्रश्नों को हल करने में पर्याप्त समय नहीं दे सके। अंग्रेजी व्याकरण में भी कई अभ्यर्थी परेशान हुए। एंटानिम और सिनानिम वाले प्रश्नों को अभ्यर्थी ने आसानी से हल किया लेकिन, पैराग्राफ पढ़कर उत्तर देने वाले प्रश्नों ने अधिक समय लिया।


 अभ्यर्थियों ने बताया कि इस बार का प्रश्नपत्र बहुत आसान था, उन्होंने पिछले तीन साल के प्रश्नपत्र तैयार कर रखे थे। 2016, 2017 व 2018 में पूछे गए प्रश्नों का दोहराव इस बार खूब हुआ। खासकर पर्यावरण संबंधी प्रश्न 2017 के टेट से लिए गए।

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