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Tuesday, December 12, 2023

NPS से पहले चयनित शिक्षकों को पुरानी पेंशन, हाईकोर्ट का निर्णय, देखें कोर्ट आर्डर

NPS से पहले चयनित शिक्षकों को पुरानी पेंशन, हाईकोर्ट का निर्णय, देखें कोर्ट आर्डर


नई पेंशन स्कीम लागू होने के बाद नियुक्तियां किए जाने संबंधी राज्य सरकार की दलील को हाई कोर्ट ने गलत बताया


 


प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला दिया है कि नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) लागू होने से पहले जारी विज्ञापन के तहत चयनित सहायक अध्यापकों को पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा। कोर्ट ने सरकार की यह दलील अस्वीकार कर दी है कि सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां नई पेंशन स्कीम लागू होने के बाद की गईं हैं। इस कारण वे नई पेंशन स्कीम में होंगे। यह आदेश न्यायमूर्ति विकास बुधवार ने नंदलाल यादव समेत कई याचिकाओं पर पारित किया है।


कोर्ट ने विज्ञापन संख्या एक 2002 के तहत नई पेंशन योजना लागू होने के पश्चात नियुक्त अध्यापक याचियों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ देने का निर्देश दिया है। कहा गया था कि सभी सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां पहली अप्रैल 2005 के बाद की गई है, इस कारण वह पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ पाने के हकदार नहीं हैं। वे नई स्कीम में आते हैं। इसे चुनौती दी गई थी। 


अधिवक्ता आलोक कुमार यादव का तर्क था कि याची के साथ चयनित और नियुक्त अन्य सभी अध्यापकों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ मिल रहा है, जबकि याचीगण को इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है। अन्य चयनित सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां नई पेंशन स्कीम लागू होने से पहले ही कर दी गई थी। याचीगण को विभाग की गलती की वजह से ज्वाइन नहीं कराया गया था।


वर्ष 2002 में सहायक अध्यापकों की भर्ती निकाली गई थी। साक्षात्कार 29 नवंबर 2004 को हुआ था तथा 24 दिसंबर 2004 को परिणाम घोषित कर दिया गया था। घोषित परिणामों के आधार पर अधिकांश अध्यापकों को नियुक्ति पत्र देकर ज्वाइन कर दिया गया था। याचीगण को मिले प्लेसमेंट पर कालेज मैनेजमेंट ने ज्वाइन नहीं कराया। बाद में बोर्ड के हस्तक्षेप पर दूसरे कालेज काशीराज महाविद्यालय इंटर कालेज, औराई संत रविदास नगर में ज्वाइन कराया गया। चूंकि याची की नियुक्ति एवं ज्वाइनिंग नई पेंशन स्कीम लागू होने के पश्चात 15 अप्रैल 2005 को हुई, इस कारण उन्हें पुरानी पेंशन योजना देने से मना कर दिया गया था।


प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्णय दिया है कि नई पेंशन स्कीम लागू होने से पहले जारी हुए विज्ञापन के तहत चयनित सहायक अध्यापकों को जीपीएफ पेंशन स्कीम (पुरानी पेंशन) का लाभ मिलेगा। कोर्ट ने सरकार की इस दलील को नकार दिया जिसमें कहा गया था कि सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) लागू होने के बाद की गई है। इस इस कारण वे नई पेंशन स्कीम से आक्षादित होंगे।


यह आदेश जस्टिस विकास बुधवार ने याची नंदलाल यादव समेत दाखिल कई रिट याचिकाओं पर पारित किया याचिकाओं को संख्या 1/2002 योजना लागू होने याची सहायक पेंशन स्कीम का दिया है। याची स्कीम के तहत ने निर्णय लिया था सभी सहायक नियुक्तियां 1 की गई है। इस पेंशन स्कीम हकदार नहीं है।


कोर्ट ने सभी मंजूर कर विज्ञापन के तहत नई पेंशन के पश्चात नियुक्त अध्यापकों को पुरानी लाभ देने का निर्देश टीचरों को नई पेंशन लाभ देने का विभाग तथा कहा था कि अध्यापकों की अप्रैल 2005 के बाद कारण वह पुरानी का लाभ पाने के सकता। था तथा 24 दिसंबर 2004 को  याचिकाओं पर तर्क दिया कि याची के साथ चयनित और नियुक्त सभी टीचरों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ मिल रहा है। जबकि, याची को इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है। बहस की गई थी कि टीचरों के लिए लागू 1964 की नियमावली में पेंशन को लेकर कोई संशोधन नहीं है, ऐसी स्थिति में विभाग की गलती के कारण नई पेंशन योजना लागू होने के पश्चात दी गई नियुक्तियों के आधार पर याचीगण को पुरानी पेंशन के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता। 


कोर्ट ने अपने आदेश में माना कि याची के साथ चयनित सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां नई पेंशन स्कीम लागू होने से पहले ही कर दी गई थी। जबकि, याचीगण को विभाग की गलती की वजह से ज्वाइन नहीं कराया गया था। 


मामले के अनुसार विज्ञापन संख्या 1/2002 में सहायक अध्यापकों की भर्ती निकली थी। 29 नवंबर 2004 को साक्षात्कार हुआ परिणाम घोषित कर दिया गया था। घोषित परिणामों के आधार पर अधिकांश टीचरों को नियुक्ति पत्र देकर ज्वाइन कर दिया गया था। जबकि याचीगण को मिले प्लेसमेंट पर कॉलेज मैनेजमेंट ने ज्वाइन नहीं कराया। बाद में बोर्ड के हस्तक्षेप पर दूसरे कॉलेज काशीराज महाविद्यालय इंटर कॉलेज औराई संत रविदास नगर में ज्वाइन कराया गया। चूंकि याची की नियुक्ति एवं ज्वाइनिंग नई पेंशन स्कीम लागू होने के पश्चात 15 अप्रैल 2005 को हुआ, इस कारण इसे नई पेंशन स्कीम से आक्षादित मानते हुए पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने से मना कर दिया गया था। जिसे कोर्ट ने सही नहीं माना।


इसी तरह से इलाहाबाद इंटर कॉलेज के टीजीटी एलटी ग्रेड अध्यापक विनोद कुमार को भी पुरानी पेंशन का लाभ देने पर जिला विद्यालय निरीक्षक को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्देश दिया हैं। याची का कहना था कि भर्ती नई पेंशन लागू होने से पहले पूरी हो चुकी थी। आवंटित कॉलेज हाथी बरनी इंटर कालेज वाराणसी के प्रधानाचार्य ने ज्वाइन कराने से इंकार कर दिया। इसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक ने चयन बोर्ड को नया कॉलेज आवंटित करने का अनुरोध किया।

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