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Friday, November 24, 2023

संस्कृत छात्रों की बाधा दूर, केंद्र की नौकरियों में कर सकेंगे आवेदन, शिक्षा मंत्रालय ने यूपी संस्कृत बोर्ड को मान्यता वाली सूची में जोड़ा


संस्कृत छात्रों की बाधा दूर, केंद्र की नौकरियों में कर सकेंगे आवेदन, शिक्षा मंत्रालय ने यूपी संस्कृत बोर्ड को मान्यता वाली सूची में जोड़ा


लखनऊ: संस्कृत छात्रों के रोजगार की राह की रुकावट दूर हो गई है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने प्रदेश के संस्कृत शिक्षा बोर्ड को मान्यता दे दी है। अन्य बोडों की तरह इसे मान्य बोड़ों की लिस्ट में शामिल कर लिया है। छात्रों को अब केंद्र सरकार के विभागों सहित अन्य कई नौकरियों में मौका मिल सकेगा।


 उत्तर प्रदेश संस्कृत शिक्षा बोर्ड का गठन साल 2000 में किया गया था। प्रदेश के इंटर तक के सभी संस्कृत विद्यालयों को इस बोर्ड से संबद्ध किया गया है। उससे पहले ये विद्यालय संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से संबद्ध होते थे। इस बोर्ड से 1,246 इंटर कॉलेज संबद्ध है। इनमें 973 एडेड और दो राजकीय विद्यालय हैं। बाकी निजी संस्कृत विद्यालय है। बोर्ड इन विद्यालयों को 23 साल से परीक्षाएं करवा रहा है और सर्टिफिकेट भी दे रहा है,


लेकिन अभी तक शिक्षा मंत्रालय की लिस्ट में बोर्ड शामिल नहीं था। इस वजह से बोर्ड के छात्र केंद्र सरकार की नौकरियों में आवेदन नहीं कर पाते थे। कई बार मांग उठी, लेकिन अफसरों ने ध्यान नहीं दिया। उसके बाद अफसरों ने केंद्र के अफसरों के साथ बैठक की। अब शिक्षा मंत्रालय ने संस्कृत शिक्षा बोर्ड को देश के मान्यता प्राप्त बोडों की लिस्ट में शामिल कर लिया है।



नौकरी के अलावा भी फायदे

संस्कृत शिक्षा बोर्ड का नाम शिक्षा मंत्रालय की लिस्ट में छात्र आवेदन करते थे तो उनको रिजेक्ट कर दिया जाता था। कहा जाता था कि यह फर्जी बोर्ड है। इसी आधार पर दूसरे राज्यों और प्राइवेट नौकरियों में भी छात्रो को रिजेक्ट कर दिया जाता था। नौकरियों के रास्ते बंद होने के कारण संस्कृत विद्यालयों में छात्र संख्या भी घट रही थी।

 अब बोर्ड के सर्टिफिकेट को मान्यता मिलने से छात्रों को कही भी नौकरी में दिक्कत नहीं आएगी। इसके अलावा पासपार्ट बनवाने में भी दिक्कत होती है। सर्टिफिकेट की मान्यता न होने से छात्रों को पासपोर्ट में अनपढ़ दिखाया जाता है। अब यह दिक्कत भी दूर हो जाएगी।

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