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Friday, November 17, 2023

आठ वर्षों से एक भी मदरसे को मान्यता नहीं, मदरसा बोर्ड अध्यक्ष ने सीएम योगी को मान्यता दिलाने को लिखा पत्र

आठ वर्षों से एक भी मदरसे को मान्यता नहीं

• मदरसा बोर्ड अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को मान्यता दिलाने को लिखा पत्र

• कहा, अब अवैध कहलाने लगे हैं गैर मान्यता प्राप्त मदरसे


लखनऊ : उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डा. इफ्तिखार अहमद जावेद ने आठ हजार से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को मान्यता नहीं दिए जाने पर चिंता जताते हुए गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि शासन से हरी झंडी न मिल पाने की वजह से पिछले आठ वर्षों से मदरसा बोर्ड एक भी मदरसे को मान्यता नहीं दे पाया है। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि मान्यता नहीं मिलने की वजह से अब तो कुछ लोग गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को अवैध भी कहने लगे हैं।


उन्होंने पत्र में लिखा कि प्रदेश के मदरसों की शैक्षिक स्थिति और उपलब्ध सुविधाओं का आकलन करने के लिए सरकार ने पिछले वर्ष सर्वे कराया था। इसमें 8449 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त मिले थे। इस वर्ष 15 नवंबर को सर्वे की रिपोर्ट आए एक वर्ष का समय पूरा हो गया है।


उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को मान्यता देने की प्रक्रिया जल्द शुरू कराई जाए ताकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' की भावना को बल मिल सके।


उन्होंने पत्र में लिखा कि मदरसों को मान्यता नहीं दिए जाने से करीब साढ़े सात लाख बच्चों का भविष्य अंधेरे में है। इन मदरसों में करीब 95 प्रतिशत बच्चे मुस्लिम समाज के पिछड़े तबकों से आते हैं। इसी पसमांदा समाज के कल्याण पर प्रधानमंत्री की खास नजर है।


उन्होंने कहा कि इसी वर्ष 12 सितंबर को मदरसा बोर्ड की बैठक हुई थी, जिसमें उन्होंने मदरसा बोर्ड की रजिस्ट्रार प्रियंका अवस्थी और निदेशक जे. रीभा से मदरसों की मान्यता शुरू कराने का अनुरोध किया था। इस पर दोनों ने शासन से मार्गदर्शन लेने की बात कही थी, लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी। 


मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष ने पत्र के साथ आल इंडिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया का आठ नवंबर को उन्हें लिखा गया एक पत्र भी संलग्न किया है। इसमें कहा गया है कि मान्यता नहीं दिए जाने की वजह से गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के संचालन में अनेक कानूनी अड़चनें आ रही हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के संचालन पर रोक लगाने और उन पर जुर्माने की कार्रवाई की धमकी दे रहे हैं।

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