पार्क रोड स्थित माध्यमिक शिक्षा निदेशक के शिविर कार्यालय में मंगलवार को दूसरे दिन भी तालाबंदी रही। माध्यमिक वित्त विहीन शिक्षा महासभा, उप्र के पदाधिकारी मुख्य द्वार पर ताला डालकर धरने पर बैठे रहे। वित्त विहीन स्कूलों के शिक्षकों का कहना है कि जब तक सरकार उन्हें मानदेय देने के लिए शासनादेश नहीं जारी करेगा वह ताला नहीं खोलेंगे। वहीं मंगलवार को अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय प्रबंधक सभा ने भी स्कूलों में कर्मचारियों की भर्ती की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। जबकि पहले से उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ (वित्तविहीन गुट), उप्र माध्यमिक कम्प्यूटर अनुदेशक एसोसिएशन और यूपी एजुकेशनल मिनिस्टीरियल ऑफिसर्स एसोसिएशन द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। ऐसे में माध्यमिक शिक्षा निदेशक कार्यालय पूरी तरह मांगों का अखाड़ा बनकर रह गया है। माध्यमिक वित्त विहीन शिक्षक महासभा उप्र के पदाधिकारी निदेशक कार्यालय के मुख्य द्वार पर ताला डालकर धरने पर बैठे रहे। एमएलसी उमेश द्विवेदी का कहना है कि अगर बुधवार को शासनादेश जारी नहीं हुआ तो हम मुख्यमंत्री कार्यालय का घेराव करेंगे। वहीं उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष लाल बिहारी यादव का कहना है कि जब तक मानदेय देने का शासनादेश जारी नहीं होगा वह यहां से हटेंगे नहीं। निदेशालय में धरना देने पहुंचे अशासकीय सहायता प्राप्त प्रबंधक सभा, उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों ने स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी व तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने और शुल्क वृद्धि करने की मांग की। प्रबंधक सभा के महासचिव डॉ. अनिल कुमार अग्रवाल का कहना है कि स्कूलों में बायोमिटिक उपस्थिति अनिवार्य की जाए। इसी तरह उप्र माध्यमिक कम्प्यूटर अनुदेशक एसोसिएशन की अध्यक्ष साजदा पंवार के नेतृत्व में माध्यमिक स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षक का पद सृजित कर समायोजित करने की मांग की है। इसी तरह उप्र एजुकेशनल मिनिस्टिरियल ऑफिसर्स एसो. ने अनियमित ढंग से किए जा रहे तबादले व अन्य मांगों को लेकर अपना प्रदर्शन जारी रखा।
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