फतेहपुर : अब प्रेरणा एप पर दर्ज होगी एमडीएम की सूचना, एप के विरोध के स्वर के बीच डीएम ने जारी किया आदेश, प्रत्येक स्कूल के मुखिया को एप के जरिए भेजनी होगी त्रैमासिक रिपोर्ट।
अब प्रेरणा एप पर दर्ज होगी एमडीएम की सूचना
November 16, 2019
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: मध्याहन भोजन (एमडीएम) की सालों साल पुरानी घिसी पिटी व्यवस्था को हाईटेक कर दिया गया है। प्रेरणा एप के जरिए सूचनाओं के आदान प्रदान की व्यवस्था लागू कर दी गई है। विद्यालयों के मुखिया को एमडीएम से जुड़ी दैनिक और त्रैमासिक मांग पत्र जैसी तमाम सूचनाएं भेजनी होंगी। एप का उपयोग न होने पर खाद्यान्न और कन्वर्जन कास्ट नहीं मिल पाएगा।
5 सितंबर को शिक्षक दिवस के खास मौके पर प्रेरणा एप की व्यवस्था लागू कर दी गई है। जिसमें 7 विभिन्न सूचनाएं भेजने का आदेश बेसिक शिक्षा के प्रधानाध्यापक और प्रधानाध्यापिकाओं को दिया गया है। इन्हीं सूचनाओं में एमडीएम को भी शामिल किया गया है। परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद ने एमडीएम की सूचना प्रेरणा तकनीकी फ्रेमवर्क के क्रियान्वयन के लिए डीएम को पत्र भेजा है। डीएम ने इसके क्रियान्वयन के लिए आदेश दिया है।
सूचना भेजने की नई व्यवस्था: मध्याह्न् भोजन मॉड्यूल के अंतर्गत प्रधानाध्यापक और प्रभारी प्रधानाध्यापकों को खाद्यान्न और कन्वर्जन कास्ट तथा भोजन करने वाले बच्चों की संख्या सूचना भेजनी है। इसके साथ ही त्रैमासिक रिपोर्ट में संभावित बच्चों की संख्या के आधार पर खाद्यान्न और कन्वर्जन कास्ट दर्ज किया जाएगा। इसी के आधार पर तीन माह का खाद्यान्न और कन्वर्जन कास्ट शासन से मिल सकेगा। जो स्कूल इस सूचना को नहीं भेजेगा उसे इसका लाभ नहीं दिया जाएगा और आने वाले समय में संबंधित विद्यालय कार्रवाई की जद में होगी।
प्राथमिक विद्यालय में भोजन करते बच्चे ’ जागरण
’>>प्रेरणा एप के विरोध के स्वर के बीच डीएम ने जारी किया आदेश
’>>प्रत्येक स्कूल के मुखिया को एप के जरिए भेजनी होगी त्रैमासिक रिपोर्ट
प्रेरणा तकनीकी फ्रेमवर्क के क्रियान्वयन के लिए डीएम ने पत्र लिखा है। अब नई व्यवस्था के तहत ही सूचनाएं भेजना मान्य होगा। एंड्रायड मोबाइल से सूचनाएं एकबार भेजने के बाद सुधार संभव नहीं होगा। फिलहाल दैनिक अनुश्रवण प्रणाली के तहत खाना खाने वाले बच्चों की सूचना मांगी जाएगी लेकिन यह बाद में बंद कर दी जाएगी।
शिवेंद्र प्रताप सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
एमडीएम भेजने की पुरानी व्यवस्था
राजकीय और सवित्त के कक्षा 8 तक के बच्चों के साथ सभी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों और मदरसों में संचालित हो रहे एमडीएम को लेकर अभी तक प्रधानाध्यापक कागज में यह सूचनाएं तैयार करते थे। जिन्हें न्याय पंचायत समन्वयवक के पास जमा करते थे। न्याय पंचायत स्तर पर रिपोर्ट कंपाइल होकर सह ब्लाक समन्वयक के पास कंपाइल भेजी जाती थी। ब्लाक स्तर पर खंड शिक्षाधिकारी इन सभी रिपोर्ट को कंपाइल करके बीएसए दफ्तर भेजा करते थे। परीक्षण और जांच के बाद शासन को भेजा जाता था और बीएसए दफ्तर को मिलने वाली धनराशि और खाद्यान्न को संबंधित विद्यालय भेजा जाता रहा है।
अब प्रेरणा एप पर दर्ज होगी एमडीएम की सूचना
November 16, 2019
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: मध्याहन भोजन (एमडीएम) की सालों साल पुरानी घिसी पिटी व्यवस्था को हाईटेक कर दिया गया है। प्रेरणा एप के जरिए सूचनाओं के आदान प्रदान की व्यवस्था लागू कर दी गई है। विद्यालयों के मुखिया को एमडीएम से जुड़ी दैनिक और त्रैमासिक मांग पत्र जैसी तमाम सूचनाएं भेजनी होंगी। एप का उपयोग न होने पर खाद्यान्न और कन्वर्जन कास्ट नहीं मिल पाएगा।
5 सितंबर को शिक्षक दिवस के खास मौके पर प्रेरणा एप की व्यवस्था लागू कर दी गई है। जिसमें 7 विभिन्न सूचनाएं भेजने का आदेश बेसिक शिक्षा के प्रधानाध्यापक और प्रधानाध्यापिकाओं को दिया गया है। इन्हीं सूचनाओं में एमडीएम को भी शामिल किया गया है। परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद ने एमडीएम की सूचना प्रेरणा तकनीकी फ्रेमवर्क के क्रियान्वयन के लिए डीएम को पत्र भेजा है। डीएम ने इसके क्रियान्वयन के लिए आदेश दिया है।
सूचना भेजने की नई व्यवस्था: मध्याह्न् भोजन मॉड्यूल के अंतर्गत प्रधानाध्यापक और प्रभारी प्रधानाध्यापकों को खाद्यान्न और कन्वर्जन कास्ट तथा भोजन करने वाले बच्चों की संख्या सूचना भेजनी है। इसके साथ ही त्रैमासिक रिपोर्ट में संभावित बच्चों की संख्या के आधार पर खाद्यान्न और कन्वर्जन कास्ट दर्ज किया जाएगा। इसी के आधार पर तीन माह का खाद्यान्न और कन्वर्जन कास्ट शासन से मिल सकेगा। जो स्कूल इस सूचना को नहीं भेजेगा उसे इसका लाभ नहीं दिया जाएगा और आने वाले समय में संबंधित विद्यालय कार्रवाई की जद में होगी।
प्राथमिक विद्यालय में भोजन करते बच्चे ’ जागरण
’>>प्रेरणा एप के विरोध के स्वर के बीच डीएम ने जारी किया आदेश
’>>प्रत्येक स्कूल के मुखिया को एप के जरिए भेजनी होगी त्रैमासिक रिपोर्ट
प्रेरणा तकनीकी फ्रेमवर्क के क्रियान्वयन के लिए डीएम ने पत्र लिखा है। अब नई व्यवस्था के तहत ही सूचनाएं भेजना मान्य होगा। एंड्रायड मोबाइल से सूचनाएं एकबार भेजने के बाद सुधार संभव नहीं होगा। फिलहाल दैनिक अनुश्रवण प्रणाली के तहत खाना खाने वाले बच्चों की सूचना मांगी जाएगी लेकिन यह बाद में बंद कर दी जाएगी।
शिवेंद्र प्रताप सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
एमडीएम भेजने की पुरानी व्यवस्था
राजकीय और सवित्त के कक्षा 8 तक के बच्चों के साथ सभी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों और मदरसों में संचालित हो रहे एमडीएम को लेकर अभी तक प्रधानाध्यापक कागज में यह सूचनाएं तैयार करते थे। जिन्हें न्याय पंचायत समन्वयवक के पास जमा करते थे। न्याय पंचायत स्तर पर रिपोर्ट कंपाइल होकर सह ब्लाक समन्वयक के पास कंपाइल भेजी जाती थी। ब्लाक स्तर पर खंड शिक्षाधिकारी इन सभी रिपोर्ट को कंपाइल करके बीएसए दफ्तर भेजा करते थे। परीक्षण और जांच के बाद शासन को भेजा जाता था और बीएसए दफ्तर को मिलने वाली धनराशि और खाद्यान्न को संबंधित विद्यालय भेजा जाता रहा है।
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