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Friday, June 12, 2020

69000 शिक्षक भर्ती घोटाले में पुराने शिक्षक माफिया भी राडार पर, STF ने जांच का दायरा बढ़ाया


69000 शिक्षक भर्ती घोटाले में पुराने शिक्षक माफिया भी राडार पर, STF ने जांच का दायरा बढ़ाया


सरकार की फजीहत का सबब बनी 69000 शिक्षक भर्ती की जांच एसटीएफ के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगी। इस मामले में प्रयागराज पुलिस ने जो गिरफ्तारियां की हैं, उनसे नकल माफिया का पुराना नेक्सस सामने आ रहा है। शासन के निर्देश पर यूपी एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू कर दी।


सूत्रों का कहना है कि एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट के साथ लखनऊ मुख्यालय की एक यूनिट को इस घोटाले के खुलासे के लिए लगाया जा रहा है। पता किया जा रहा है कि 6 जनवरी 2019 को हुई भर्ती परीक्षा के दौरान आखिर प्रयागराज के इस स्कूल का इनपुट कैसे हाथ नहीं लग सका, जबकि प्रयागराज में ही अन्य क्षेत्रों से सॉल्वर गैंग के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। ऐसे में केएल पटेल जो पहले भी नकल माफिया के साथ गठजोड़ में गिरफ्तार हो चुका था, वह कैसे बच गया? एसटीएफ के राडार पर कुछ पुराने शिक्षा माफिया भी हैं।


एसटीएफ पता लगाएगी कि आखिर चूक किस स्तर पर हुई जिससे जालसाज आसानी से न सिर्फ नकल कराने में कामयाब हो गए बल्कि हर स्तर पर होने वाली स्क्रूटनी से भी बच गए। इसमें स्कूल प्रबंधन के अलावा और किन-किन लोगों की भूमिका रही, इसका भी पता लगाया जाएगा।


लखनऊ में गिरफ्तार हुए सिपाही पर भी नजर
शिक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान लखनऊ में गिरफ्तार यूपी पुलिस के सिपाही अरुण पर भी एसटीएफ की नजर है। वह मेरठ में भूगर्भ जल अधिकारी के पद पर तैनात अजय कुमार सिंह के साथ मिलकर प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक कराने और चयन कराने का ठेका लेता था।


एसटीएफ ने उस वक्त नेशनल इंटर कॉलेज लखनऊ के प्रधानाचार्य उमाशंकर सिंह को भी गिरफ्तार किया था। शिक्षक भर्ती घोटाले में इस गैंग का भी नेटवर्क दोबारा तलाशा जाएगा।

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