DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Sunday, November 13, 2022

प्राइवेट स्कूल 10 प्रतिशत फीस बढ़ाने की तैयारी में

प्राइवेट स्कूल 10 प्रतिशत फीस बढ़ाने की तैयारी में


• गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों की वार्ता में बनी सहमति

• निजी स्कूलों की फीस बढ़ाने की तैयारी पूरी कभी भी हो सकती है इसकी घोषणा

 
लखनऊ : निजी स्कूलों ने 10 प्रतिशत शुल्क बढ़ाने का निर्णय लिया है जिसे शैक्षिक सत्र 2023-24 से लागू किया जाएगा। इसकी घोषणा कभी भी हो सकती हैं। कोरोना काल के बाद हर साल फीस वृद्धि की जा रही है। शैक्षिक सत्र 2018 - 19 और 2019-20 में फीस वृद्धि की गई थी। इसके बाद कोरोना के कारण शुल्क नहीं बढ़ाया गया। बीते वर्ष 9.26 प्रतिशत फीस की वृद्धि की गई। 


निजी स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों का दावा है कि शुल्क निर्धारण नीति के तहत कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स को ध्यान में रखते हुए फीस बढ़ाई जा रही है।


अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन उप्र के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि एसोसिएशन के सभी पदाधिकारियों से वार्ता के बाद सहमति बनी है कि शैक्षिक सत्र 2023-24 से सिर्फ 10 प्रतिशत फीस वृद्धि की जाएगी, जो पहली अप्रैल 2023 से लागू होगी। अगर कोई स्कूल इसके अतिरिक्त फीस वृद्धि करता है तो एसोसिएशन इसका विरोध करेगा। उसे बाध्य भी किया जाएगा कि निर्धारित फीसदी से अधिक फीस वृद्धि न करे। 



उधर, अभिभावक कल्याण संघ के अध्यक्ष पीके श्रीवास्तव ने कहा कि वर्ष 2018 में फीस निर्धारण के लिए नीति एवं कमेटी बनाई गई थी। उसी आधार पर समिति के सदस्यों को फीस निर्धारित करना चाहिए, मगर अधिकतर निजी स्कूल आर्थिक रूप से मजबूत, रसूखवालों, सत्ता और विपक्ष में बैठे लोगों के हैं। यही कारण है कि स्कूल संचालक अपने अनुसार फीस प्रतिशत तय कर देते हैं।

No comments:
Write comments