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Friday, July 28, 2023

स्कूलों में कनेक्शन नहीं, जहां कनेक्शन — वहां बिजली नहीं, कक्षाओं में भीषण उमस और गर्मी का सितम झेल रहे परिषदीय छात्र

स्कूलों में कनेक्शन नहीं, जहां कनेक्शन — वहां बिजली नहीं, कक्षाओं में भीषण उमस और गर्मी का सितम झेल रहे परिषदीय छात्र

परिषदीय स्कूलों में सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक गुल रहती बत्ती, उपस्थिति पर पड़ा असर


भीषण गर्मी का दौर चल रहा है। ऐसे में परिषदीय स्कूलों में बच्चे गर्मी से परेशान हो रहे हैं। है। स्कूल का समय सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक संचालित हो रहा है। स्कूलों में बिजली व्यवस्था बदहाल है। ऐसे में बच्चों की उपस्थिति पर असर पड़ रहा है।


परिषदीय स्कूलों में गर्मी से बच्चे परेशान हो रहे हैं।  पड़ताल की गई तो पता चला कि अधिकांश स्कूलों में बिजली की व्यवस्था खराब है। कनेक्शन होने के बाद भी कहीं पर समय से बिजली नहीं आती है तो कहीं पर केवल मीटर टंगा है। बिजली आती ही नहीं है।


शिक्षक संगठनो द्वारा लगातार समय परिवर्तन की मांग के बावजूद कुछ चुनिंदा जिलों को छोड़ कोई समय परिवर्तन अब तक नहीं किया गया है। जिम्मेदारो की चुप्पी साधने से समय परिवर्तन की मांग करने वाले सकते में हैं। 



यूपी में भीषण उमस और गर्मी, छोटे बच्चों के स्कूल का समय बदलाव की मांग, संगठनों की मांग के बाद गेंद शासन के पाले में 


भीषण उमस एवं गर्मी के कारण स्कूलों में बच्चों के बेहोश हो जाने या बीमार हो जाने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए पिछले सप्ताह से अब तक दो दर्जन से अधिक जिलों के बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारियों) ने स्कूल महानिदेशालय को पत्र भेज कर स्कूलों के समय में परिवर्तन करने को आदेश जारी करने की अनुमति मांगी है।


कई बीएसए ने लिखा है कि गर्मी व उमस के कारण स्कूलों में बच्चों मुर्छित होने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। इससे माता-पिता व अभिभावक से लेकर शिक्षक संगठनों के बीच भी नाराजगी बढ़ रही है।


अलग  अलग शिक्षक संगठनों ने भी शासन को ज्ञापन देकर स्कूलों के समय में बदलाव करने की मांग की है। संघों  का कहना  है कि माध्यमिक स्कूलों के बच्चे प्राइमरी स्कूलों के बच्चों से उम्र में बड़े हैं। इसके बावजूद उनके विद्यालय का संचालन का समय सुबह सात बजे से 12 बजे तक है जबकि प्राइमरी स्कूलों का समय साढ़े छह घंटे हैं।


भीषण उमस और गर्मी से आम आदमी के साथ-साथ बच्चों का भी बुरा हाल है। उमस के चलते मंगलवार को रायबरेली में छह, सुलतानपुर में दो और लखनऊ में दो बच्चे कक्षा में ही बेहोश हो गए। स्कूलों में बढ़ रही इन घटनाओं को देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग प्राइमरी विद्यालयों के समय में बदलाव करने जा रहा है।


विभिन्न जिलों से वहां के बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा गर्मी की वजह स्कूली बच्चों को हो रही परेशानियों से जुड़े पत्र भेजे जाने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग स्कूलों के समय में बदलाव करने पर सहमत हो गया है। इसके तहत इस बारे में शासन की मंशा का पता लगाने के लिए पत्र भेजा गया है।



प्राइमरी से कम है बड़े कक्षाओं वाले शिक्षण संस्थाओ के संचालन की अवधि

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित सभी इण्टर मीडिएट कालेज में ग्रीष्मकालीन अवधि में विद्यालय संचालन की अवधि प्रतिदिन पांच घंटे हैं, जबकि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा संचालित सभी महाविद्यालय में एक सप्ताह में (छः कार्यदिवस) में 24 पीरिएड(एक पीरिएड - 40 मिनट) अर्थात प्रतिदिन दो घंटे 40 मिनट निर्धारित है। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राइमरी स्कूल, जहां 6 से 14 वर्ष की आयु के बालक-बालिका पढ़ते हैं, भीषण उमस व गर्मी में भी 6 घंटे संचालित किए जाते हैं।



गर्मी से स्कूलों में बेहोश हो रहे बच्चे, शिक्षक संघ लगातार लिख कर रहे शासन को पत्र 


लखनऊ: उमस भरी गर्मी से परिषदीय स्कूलों के बच्चों का बुरा हाल है। सोमवार को कई स्कूलों में बच्चे गर्मी से हलकान रहे। कुछ स्कूलों में छात्राएं बेहोश हो गईं। इसे देखते हुए परिषदीय स्कूलों की छुट्टी जल्दी करने की मांग की जा रही है। दो दिन पहले  शिक्षक संघों की ओर से राज्यमंत्री बेसिक शिक्षा और शासन को पत्र भी लिखा गया है।


परिषदीय स्कूल सुबह आठ बजे से दो बजे तक चल रहे हैं। पहले स्कूलों का समय साढ़े सात बजे से दोपहर 12.30 बजे तक था । माध्यमिक स्कूलों का समय अभी साढ़े सात बजे से 12.30 बजे तक का है। 


उमस भरी गर्मी से बच्चों की तबीयत खराब हो रही है। बच्चे कक्षा में गर्मी से व्याकुल हैं, बेहोश हो रहे हैं। प्राथमिक विद्यालय भटगांव पांडे में कुछ छात्राएं गर्मी से बेहोश रहीं। 



परिषदीय स्कूलों में गर्मी  और उमस से बीमार हो रहे बच्चे, समय बदलने की संगठनों की मांग

इंटर के विद्यालय गर्मी में पांच घंटे चलते, वहीं बेसिक के विद्यालय छह घंटे


लखनऊ। जुलाई के दूसरे पखवाड़े में भीषण गर्मी व उमस से अन्य लोगों के साथ-साथ स्कूली बच्चे काफी परेशान हो रहे हैं। प्रदेश के कई जिलों में स्कूलों में बिजली न आने और भीषण गर्मी की वजह से बच्चे बीमार भी हो जा रहे हैं।


 इसे देखते हुए महिला शिक्षक संघ के बाद उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ और बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने भी बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह को पत्र भेजकर स्कूलों का समय बदलने की मांग की है। संघ ने मंत्री से मांग की है कि बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों के संचालन का समय एक अप्रैल से 30 सितंबर तक सुबह साढ़े सात से दोपहर साढ़े 12 बजे तक किया जाए। 

इंटर के विद्यालय गर्मी में मात्र पांच घंटे चलते हैं। वहीं बेसिक के विद्यालय सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक यानी छह घंटे चलते हैं। इसके बाद बच्चों को घर तक पहुंचने में भी समय लगता है। इस बीच भी वह भीषण गर्मी व उमस से परेशान होते हैं। 








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