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Saturday, August 20, 2016

लखनऊ : बीएसए की मनमानी, शिक्षा मित्रों को आवेदन से रोका, 16,448 नियुक्ति प्रकरण को लेकर शिक्षामित्रों में नाराजगी

कई जिलों में बीएसए की मनमानी से हजारों शिक्षा मित्र शिक्षक भर्ती के 16,448 पदों में भर्ती के लिए आवेदन करने से वंचित रह गए। ज्यादातर जिलों के बीएसए ने न तो उन्हें काउंसलिंग में शामिल किया और न आवेदन करने की अनुमति दी। इससे नाराज शिक्षा मित्रों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
प्राथमिक स्कूलों में इस समय 16,448 शिक्षकों की भर्ती की प्रकिया चल रही है। इसमें बीटीसी और टीइटी शैक्षिक अर्हता है। यह अर्हता रखने वाले कुछ शिक्षा मित्रों ने भी आवेदन किया। कई जिलों में बीएसए ने उन्हें काउंसलिंग में शामिल नहीं किया। शिक्षा मित्रों ने शिकायत की तो बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने सभी बीएसए को पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट की और जरूरी निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि अर्हता रखने वाले किसी भी अभ्यर्थी को आवेदन से रोका नहीं जा सकता। काउंसलिंग में शामिल होने का मतलब नियुक्ति हो जाना नहीं है। अर्हता की जांच करने और चयन का निर्णय चयन समिति करेगी। उन्होंने यह भी साफ किया कि आवेदन करने वाले अभ्यर्थी को अपने नियुक्ति अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। इस आदेश से भी साफ है कि शिक्षा मित्र भी बीएसए से अनुमति लेकर 16,448 शिक्षक भर्ती में आवेदन कर सकते हैं।

इस बारे में दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि सचिव परिषद के आदेश के बावजूद ज्यादातर जिलों के बीएसए ने न तो आवेदन की अनुमति दी और न उन्हें काउंसलिंग में शामिल किया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि यह शिक्षा मित्रों के अधिकारों का हनन है और अधिकारियों ने सरकार की छवि को धूमिल करने का काम किया है। उन्होंने इस मामले में शिक्षा मित्रों को न्याय दिलाने के साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों को खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

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