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Saturday, August 20, 2016

गोरखपुर : शिक्षा का अधिकार कानून’ के तहत मान्यता प्राप्त कान्वेंट विद्यालयों पर कसा शिकंजा, नामांकन नहीं लेने वाले स्कूलों पर कार्रवाई

‘शिक्षा का अधिकार कानून’ के तहत मान्यता प्राप्त कान्वेंट विद्यालयों में 25 फीसद गरीब बच्चों की पढ़ाई अनिवार्य है। विद्यालय प्रबंधन सामाजिक दायित्व समझकर गरीब परिवार के बच्चों का नामांकन सुनिश्चित करें, व्यापार की भावना से नहीं। इससे सामाजिक समरसता बढ़ेगी। यह बातें जिलाधिकारी ओएन सिंह ने कही। वह शुक्रवार को जीडीए सभागार में यूनिसेफ और भारत अभ्युदय फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत सामाजिक सहभागिता विषय पर बोलते हुए उन्होंने शिक्षा का अधिकार कानून पर विस्तार से प्रकाश डाला। साथ ही चेतावनी भी दिया कि कानून के तहत निश्शुल्क प्रवेश नहीं लेने वाले मान्यता प्राप्त कान्वेंट स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी। भारत अभ्युदय फाउंडेशन की अध्यक्ष शबीना बानो ने निश्शुल्क प्रवेश पाने वाले बच्चे एवं उनके अभिभावकों के सामने आने वाली कठिनाइयों पर विस्तार से प्रकाश डाला। सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा डा. सत्य प्रकाश त्रिपाठी ने अतिथियों का स्वागत किया। जिला विद्यालय निरीक्षक एएन मौर्य, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओम प्रकाश यादव, नगर शिक्षा अधिकारी ब्रहमचारी शर्मा, समस्त खंड शिक्षा अधिकारी तथा सीबीएसई और आइसीएसई से मान्यता प्राप्त 90 विद्यालयों के प्रबंधक व प्रधानाचार्य मौजूद थे। कान्वेंट विद्यालयों में नामांकन के लिए गरीब परिवार के 1034 छात्रों का चयन किया गया है। नामांकन की प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही है। कुछ विद्यालयों ने नामांकन लेने से मना कर दिया है। उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को पत्र लिखा है।

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