जनपद में कुछ खंड शिक्षा अधिकारी बेसिक शिक्षा विभाग की नैय्या डुबाने में लगे हुए हैं। एक खंड शिक्षा अधिकारी को तो विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों पैसे लेते हुए पकड़ लिया और कई खंड शिक्षा अधिकारी भी इसी कड़ी में खड़े हुए हैं। शिक्षकों के विरोध को देखते हुए बीएसए ने कुछ खंड शिक्षा अधिकारियों के ब्लाकों को बदला है।बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात कुछ खंड शिक्षा अधिकारियों स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान कम है और अवैध उगाही में ज्यादा है। इसी का नतीजा है कि शिक्षकों ने खंड शिक्षा अधिकारी के शोषण से तंग आकर खुर्जा के खंड शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त मुदगल को पैसे लेते हुए रंगे हाथों विजिलेंस टीम पकड़वा दिया। उन्हीं की तरह कुछ और खंड शिक्षा अधिकारी भी शिक्षकों से मनमाने तरीके से वसूली कर रहे हैं। कभी छुट्टी के नाम पर तो कभी किसी अन्य नाम पर पैसे की वसूली की जा रही है। कुछ शिक्षकों ने खंड शिक्षा अधिकारी का विरोध किया तो उसकी गूंज बीएसए के कानों में पहुंची। बेसिक शिक्षा अधिकारी वेदराम ने विरोध को देखते हुए दो तीन खंड शिक्षा अधिकारियों के ब्लाक बदल दिए। सबसे ज्यादा विरोध बुलंदशहर ब्लाक पर था। यहां शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी भी लगातार खंड शिक्षा अधिकारी का विरोध कर रहे थे और जिलाधिकारी एवं बीएसए से हटाने की भी मांग की थी। उस समय तो बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी ध्यान नहीं दिया और मामला ऐसे ही चलता रहा। जैसे ही खुर्जा में तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त मुदगल को विजिलेंस टीम ने पकड़ लिया तो बीएसए की आंख भी खुल गईं और उन्होंने तत्काल बुलंदशहर ब्लाक से खंड शिक्षा अधिकारी को हटाकर सिकंदराबाद के खंड शिक्षा अधिकारी को अतिरिक्त चार्ज दे दिया। इसी के साथ पहासू ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारी कमलेश बाबू को अरनिया का अतिरिक्त चार्ज और अगौता के खंड शिक्षा अधिकारी बिजेन्द्र चौधरी को खुर्जा का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। विभागीय सूत्रों की माने तो बदले गए ब्लाकों में कुछ खंड शिक्षा अधिकारियों का अंदर खाने विरोध हो रहा है। उनका कहना है कि एक खंड शिक्षा अधिकारी को बड़े-बड़े ब्लाक दिया जा रहे हैं, जबकि कुछ को तीन-तीन ब्लाक का चार्ज सौंप रखा है। इससे शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार होना संभव नहीं है। अवैध उगाही भी रुकने वाली नहीं है। इस बदलाव से भी विभाग की छवि में कोई फायदा होने वाला नहीं है। बेसिक शिक्षा अधिकारी वेदराम ने बताया कि शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार करने के लिए बदलाव किया गया है। कुछ शिकायतें भी मिल रही थीं उनका भी ध्यान करके कार्रवाई की गई है। बाकी विभागीय प्रक्रिया है।
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