स्कूलों में अब हर हालत में रोजाना मिड-डे मील का नमूना बचाकर रखना होगा। ताकि कभी भी जरूरत पड़ने पर उसकी प्रयोगशाला में जांच कराई जा सके। मध्याह्न्न भोजन प्राधिकरण के निदेशक ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किया है।परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण मिड-डे मील खिलाने पर जोर दिया जा रहा है। शासन स्तर से खाद्य निरीक्षकों को भी खाने की जांच का अधिकार दिया जा चुका है ताकि खाना और उसमें प्रयोग होने वाली सामग्री की जांच कराई जा सके। वैसे बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण और सुरक्षित खाना खिलाने के लिए कई इंतजाम किए गए हैं। बच्चों की माताओं का रोस्टर बनाकर रोजाना विद्यालय आकर उनके भोजन चखने की व्यवस्था है। रसोइया खाना बनाएं और उसे चखने के बाद माताओं को खिलाएं फिर 15 मिनट बाद बच्चों को खाना खिलाया जाए। कुछ स्थानों पर देखने को मिला कि खाने की शिकायत हुई या फिर खाना खाकर बच्चे बीमार हुए लेकिन खाने की जांच की नौबत आई तो कुछ मिला ही नहीं। मध्याह्न् भोजन प्राधिकरण के वित्त नियंत्रक कुंवर डीबी सिंह ने सभी बीएसए को जारी आदेश में कहा है कि हर हालत में अब विद्यालयों में रोजाना मिड-डे मील का नमूना बचाकर रखा जाए। जब तक विद्यालय खुले उसे सुरक्षित रखा जाए
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