जिले के अधिकांश परिषदीय विद्यालयों का जीर्णोद्धार हुआ लेकिन नगर क्षेत्र के कई जर्जर विद्यालयों की स्थिति काफी दयनीय है। हालत यह है कि जर्जर भवनों में बच्चे पढ़ाई करने को विवश है। ऐसा नहीं है कि जर्जर भवनों के बारे में शिक्षा अधिकारी को जानकारी नहीं है। सब कुछ जानने के बाद भी वे मूकदर्शक बने रहते हैं। निजी भूमि पर ही बन सकता है भवन या अतिरिक्त कक्ष बेसिक शिक्षा परिषद के नियमों के अनुसार परिषदीय विद्यालय यदि अपनी भूमि पर बने हैं और जर्जर हो गए हैं तो पुनर्निर्माण निजी भूमि पर भी हो सकता है। नगर में कई विद्यालय किराये पर: नगर पालिका क्षेत्र में अधिकांश विद्यालय किराये पर चल रहे हैं। इसलिए उनके लिए धन की कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही है। यही वजह है कि रामबाग में युसूफ इमाम प्राथमिक विद्यालय एक दुकान में संचालित हो रहा है। बच्चे पटरी पर कीचड़ में बैठ रहे हैं।
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