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Monday, June 8, 2020

मैनपुरी में कई बार खुल चुका है फर्जी दस्तावेजों का राज, एक सैकड़े से ज्यादा फर्जी दस्तावेजों से नौकरी करने वालों पर अब तक गिरी गाज


मैनपुरी में कई बार खुल चुका है फर्जी दस्तावेजों का राज, एक सैकड़े से ज्यादा फर्जी दस्तावेजों से नौकरी करने वालों पर अब तक गिरी गाज। 



मैनपुरी। शिक्षिका अनामिका शुक्ला के नाम से प्रदेश भर में हुए फर्जीवाड़े में अब मैनपुरी जिले का नाम भी शामिल हो गया है। कासगंज पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गई शिक्षिका प्रिया ने कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में नौकरी फर्जी दस्तावेजों से पाई थी और ये दस्तावेज मैनपुरी के राज नाम के युवक ने तैयार किए थे।


फर्जीवाड़े का यह पहला मामला जिले से नहीं जुड़ा है। इससे पहले भी जिले में कई बार फर्जी दस्तावेजों को तैयार करने वालों का पर्दाफाश हो चुका है। 17 मार्च 2019 को बरनाहल थाना पुलिस ने फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था। इकहरा गांव से पुलिस ने सरगना ऋषि कुमार और उसके साथ बिजेंद्र को पकड़ा था।


गिरोह में पांच अन्य लोग भी शामिल पाए गए थे। मौके से पुलिस को लैपटॉप, प्रिंटर के अलावा हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अधबने अंकपत्र, आधारकार्ड, एसडीएम सहित कई अन्य अधिकारियों की मोहर मिली थीं। इस गिरोह से आठ से दस हजार रुपये लेकर कई युवकों के फर्जी अंक पत्र तैयार करने की बात स्वीकार की थी।


अंकपत्र के रंग ने खोला था राज
मैनपुरी में फर्जी अंक पत्र तैयार कराकर एक युवक ने फैजाबाद के एक विद्यालय में नौकरी हासिल करने की कोशिश की। अंकपत्र का कलर अलग होने के कारण वह पकड़ा गया। यह मामला मई 2018 का है। युवक ने डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के नाम की स्नातक की फर्जी अंक तालिका तैयार कराई थी।


31 शिक्षकों के दस्तावेज निकले फर्जी
फर्जी दस्तावेजों के मामले में मैनपुरी जिले की संलिप्तता समय-समय पर उजागर होती रही है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल करने वाले 31 शिक्षकों को तत्कालीन बीएसए रामकरन यादव ने मार्च 2017 में बर्खास्त किया था। एक जुलाई 2017 को इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस की शुरुआती जांच में इस तथ्य का खुलासा हुआ था कि अधिकांश शिक्षकों के फर्जी शैक्षिक दस्तावेज मैनपुरी में ही तैयार हुए थे।


81 शिक्षकों के दस्तावेज पाए गए फर्जी
एसआईटी जांच में जिले के 81 अन्य शिक्षकों के भी दस्तावेज फर्जी और टैंपर्ड पाए जा चुके हैं। 30 नवंबर 2019 को 74 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। विश्वविद्यालय से बीएड की डिग्री निरस्त होने के बाद चार फर्जी शिक्षकों के खिलाफ शनिवार को ही कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

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