DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Tuesday, January 3, 2023

यूपी में एक ही आयोग से होगी अध्यापकों की भर्ती, उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का होगा गठन

यूपी में एक ही आयोग से होगी अध्यापकों की भर्ती, उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का होगा गठन 


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि शिक्षकों की समयबद्ध नियुक्ति के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने मंगलवार को उच्च स्तरीय बैठक में निर्देश दिए हैं कि अब बेसिक, माध्यमिक, उच्च व तकनीकी शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्तियां एक ही आयोग से होंगी। शिक्षक चयन आयोगों को एकीकृत स्वरूप देते हुए निकाय के रूप में ‘उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग’ का गठन जल्द किया जाए। प्राइमरी व जूनियर स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन भी इसी नए आयोग के माध्यम से होगा।

बैठक में सीएम ने नए आयोग के स्वरूप, अध्यक्ष व सदस्यों की अर्हता, आयोग की शक्तियों और कार्यों के संबंध में रूपरेखा तय करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े पांच वर्षों की अवधि में विभिन्न चयन आयोगों की कार्यप्रणाली में शासन स्तर से अनावश्यक हस्तक्षेप न होने से पारदर्शिता आई है। मेरिट के आधार पर योग्य अभ्यर्थियों का चयन हो रहा है। इस बदलाव का सीधा लाभ युवाओं को मिला है।

इससे पहले भी एकीकृत चयन बोर्ड के गठन की बात होती आई है। वर्ष 2019 में इसका ड्राफ्ट तय किया गया था लेकिन इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। अभी प्रदेश के बेसिक शिक्षा के स्कूलों में शिक्षकों का चयन परीक्षा नियामक प्राधिकारी के माध्यम से लिखित परीक्षा से किया जाता है। वहीं सरकारी माध्यमिक स्कूलों में लोक सेवा आयोग और एडेड स्कूलों में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग से किया जाता है।

बदलाव युवाओं को यूपीपीएससी में बार-बार नहीं देना होगा विवरण

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में आवेदन के लिए एकल अवसरीय पंजीकरण व्यवस्था और आयोग की नई वेबसाइट का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आयोग की भावी योजनाओं, चयन कैलेंडर के संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए। इस सेवा के शुरू होने से युवाओं को उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग में भर्ती के लिए बार-बार आवेदन के लिए विवरण नहीं देना होगा।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में साढ़े पांच वर्ष में राज्य सरकार ने एक निष्पक्ष और पारदर्शी चयन प्रक्रिया की शुचिता सुनिश्चित करते हुए साढ़े पांच लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी है। इस कार्य में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की बड़ी भूमिका रही है।


आयोग में अध्यक्ष समेत होंगे 12 लोग, तीन श्रेणियों में भर्ती

उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग में अध्यक्ष समेत 12 लोग होंगे। तीन श्रेणियों में शिक्षकों की भर्तियां होंगी। उच्च शिक्षा में सहायक आचार्य और महाविद्यालयों में प्राचार्यों, माध्यमिक शिक्षा में प्रधानाचार्य, प्रवक्ता व एलटी ग्रेड और प्राइमरी शिक्षा में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की जाएगी। ड्राफ्ट में संशोधन कर नया ड्राफ्ट बनाया जाना है।


यूपी में बेसिक, माध्यमिक, उच्च और तकनीकी कॉलेजों में शिक्षक भर्ती एक ही आयोग से, 

सीएम योगी का बड़ा फैसला, नया आयोग ही टीईटी परीक्षा कराएगा

 सीएम योगी ने मंगलवार को प्रदेश में शैक्षिक संस्थानों में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा की। इस दौरान सीएम योगी ने  'उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग' के गठन के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। योगी ने कहा कि विगत पांच-साढ़े पांच वर्ष की अवधि में प्रदेश में संचालित विभिन्न चयन आयोगों की कार्यप्रणाली में शासन स्तर से अनावश्यक हस्तक्षेप न होने से आयोगों की कार्यप्रणाली में शुचिता और पारदर्शिता आई है। मेरिट के आधार पर योग्य अभ्यर्थियों का चयन हो रहा है। प्रदेश में आए इस बदलाव का सीधा लाभ युवाओं को मिल रहा है।



उन्होंने कहा कि प्रदेश के बेसिक, माध्यमिक, उच्च और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में योग्य शिक्षकों के चयन के लिए अलग-अलग प्राधिकारी, बोर्ड व आयोग संचालित हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग और उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग के अलावा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से भी चयन की व्यवस्था लागू है। नीतिगत सुधारों के क्रम में भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए शिक्षक चयन आयोगों को एकीकृत स्वरूप दिया जाना उचित होगा। शिक्षक चयन आयोगों को एकीकृत स्वरूप देते हुए निगमित निकाय के रूप में 'उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन किया जाना चाहिए। शिक्षकों के समयबद्ध चयन, मानव संसाधन का बेहतर उपयोग और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने में आयोग उपयोगी सिद्ध होगा।


 उत्तर प्रदेश शिक्षा चयन आयोग को एक स्वायत्तशाषी निगमित निकाय का स्वरूप दिया जाना चाहिए। आयोग द्वारा बेसिक, माध्यमिक अथवा उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्यापकों की सीधी भर्ती के सम्बंध में मार्गदर्शी सिद्धांत किया जाएगा। अध्यापकों की नियुक्ति के संबंध में चयन परीक्षा, साक्षात्कार आदि के माध्यम से चयन की प्रक्रिया पूरी करते हुए अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए नियुक्ति प्राधिकारी को संस्तुति की जाएगी। उक्त बिंदुओं के अनुरूप नए आयोग के स्वरूप, अध्यक्ष व सदस्यों की अर्हता, आयोग की शक्तियों और कार्यों के संबंध में रूपरेखा तय करते हुए आवश्यक प्रस्ताव तैयार किया जाए।


सीएम योगी ने कहा कि  प्रदेश 60, 70, 80 वर्ष अथवा और अधिक पुराने बहुत से माध्यमिक विद्यालय हैं। प्रदेश के शैक्षिक माहौल को समृद्ध करने में इन संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राज्य सरकार से सहायता प्राप्त इन माध्यमिक विद्यालयों में आज अवस्थापना सुविधाओं के विकास की आवश्यकता है। ऐसे में शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों के व्यापक हित को देखते हुए प्रबंध तंत्र की अपेक्षाओं और आवश्यकताओं ध्यान रखते हुए इन विद्यालयों के लिए एक बेहतर कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत किया जाए। प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन भी इसी नए आयोग के माध्यम से किया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि टीईटी समय पर हो। 


संस्कृत विद्यालयों का उन्नयन राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। संस्कृत विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के साथ-साथ अध्ययनरत विद्यार्थियों के प्रोत्साहन के लिए छात्रवृत्ति भी दी जानी चाहिए। इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर यथाशीघ्र प्रस्तुत करें।

No comments:
Write comments